केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र में खुलेंगे समृद्धि और खुशहाली के नये द्वार : प्रधानमंत्री मोदी

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पिछले 1 वर्ष में मध्य प्रदेश में विकास कार्यों को नई गति मिली है। आज मध्यप्रदेश में हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं की शुरुआत हुई है। भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई के सपने को साकार करती हुई देश की पहली नदी जोड़ी परियोजना केन-बेतवा का आज यहां शिलान्यास हुआ है। इसके साथ ही देश के पहले फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्रोजेक्ट, ओंकारेश्वर का भी शिलान्यास हुआ है। इसके लिए मध्य प्रदेश के “कर्मठ मुख्यमंत्री” डॉ. मोहन यादव की सरकार और यहां की जनता को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को खजुराहो में देश की पहली केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी की 100 वीं जयंती पर केन और बेतवा नदी के पवित्र जल को प्रतीक स्वरूप परियोजना के नेशनल प्रोजेक्ट में प्रवाहित कर परियोजना का शुभारंभ किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने रिमोट से देश के पहले ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट का भी लोकार्पण किया।

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरूआत बुंदेलखंडी बोली में करते हुए कहा, ‘वीरों की धरती ई बुंदेलखंड पे रहबे बारे सबई जनन खों हमाई तरफ से हाथ जोड़के राम-राम पौंचे’। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के विकास में अटल जी का योगदान सदैव याद रखा जाएगा। वे सुशासन के प्रतीक थे। आज उनकी जन्म शताब्दी के अवसर पर उनकी स्मृति में मध्यप्रदेश में 1153 अटल ग्राम सेवा सदन का निर्माण प्रारंभ हो रहा है, जिसकी पहली किश्त भी जारी की गई है। सुशासन हमारी सरकार की पहचान है। हमारे लिए जनहित, जनकल्याण और विकास सर्वोपरि है।

बुंदेलखंड क्षेत्र की समृद्धि और खुशहाली के द्वार खुलेंगे
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र की समृद्धि और खुशहाली के द्वार खुलेंगे। बुंदेलखंड क्षेत्र में बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष किया है, परंतु पूर्ववर्ती सरकारों ने जल संकट का कोई स्थाई समाधान नहीं निकाला। आजादी के सात दशक बाद भी राज्यों के बीच नदियों के जल के लेकर विवाद चलते रहे, परंतु उन्हें दूर करने का कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया। जब अटल जी की सरकार बनी तो उन्होंने नदी जोड़ो के रूप में इसका स्थाई हल निकाला और उसका कार्य भी शुरू कर दिया गया, परन्तु 2004 के बाद वह बंद कर दिया गया। आज अटल जी का नदी जोड़ने का सपना मध्यप्रदेश की भूमि पर साकार होने जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने जल शक्ति और जल संसाधन के विकास के लिए लिए बाबा साहेब अंबेडकर के विजन और किए गए प्रयासों की सराहना भी की।

मां नर्मदा के आशीर्वाद से गुजरात का भाग्य बदला
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जल समस्या 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में एक है। वही देश आगे बढ़ेगा जिसके पास पर्याप्त जल और उसका उचित प्रबंध होगा। गुजरात में सूखा पड़ता था परंतु मां नर्मदा के आशीर्वाद से गुजरात का भाग्य बदल गया। मध्यप्रदेश ने सूखाग्रस्त गुजरात को जलयुक्त बनाया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैंने बुंदेलखंड की बहनों और किसानों से जो वादा किया था, आज मैं 45 हजार करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजना के साथ उसे पूरा करने आया हूं। आज यहां दौधन बांध का शिलान्यास हुआ है। इससे जो नहर निकलेगी वो लगभग 11 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई करेगी।

अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को कराया पूरा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले देश में 100 बड़ी सिंचाई परियोजनाएं अधूरी पड़ी थी, हमारी सरकार ने हजारों करोड़ रुपए खर्च करके उन्हें पूरा करवाया है। देश में आधुनिक तरीके से एक करोड़ हैक्टेयर भूमि में माइक्रो इरिगेशन किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में पिछले 10 साल में 5 लाख हैक्टेयर भूमि में माइक्रो इरिगेशन हो रहा है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश के हर जिले में 75-75 अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं। “कैच द रेन” अभियान के अंतर्गत 3 लाख से अधिक रिचार्ज वेल बनाए गए हैं। मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में जहाँ-जहाँ भूजल स्तर कम था, वहाँ अटल भूजल योजना चलाई गई है।

मध्य प्रदेश दुनिया के 10 सबसे बड़े आकर्षक टूरिस्ट डेस्टिनेशन में शामिल
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा मध्यप्रदेश पर्यटन में अव्वल है। एक अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश दुनिया के 10 सबसे बड़े आकर्षक टूरिस्ट डेस्टिनेशन में शामिल है। हमारी सरकार देश-विदेश की पर्यटकों को सुविधाएं बढ़ा रही है। विदेशों के लिए ई-वीजा सुविधा प्रारंभ की गई है। G-20 की खजुराहो में हुई बैठक में एमपी टूरिज्म का प्रचार-प्रसार किया गया। देश में हेरिटेज और वाइल्डलाइफ टूरिज्म का विस्तार किया जा रहा है। इसकी मध्य प्रदेश में अभूतपूर्व संभावना है। केंद्र की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत ईको टूरिज्म और हेरिटेज टूरिज्म का विस्तार किया जा रहा है। गांधी सागर, बाणसागर, इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर, सांची, खजुराहो, ग्वालियर ओरछा, चंदेरी, मांडू आदि पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। केन-बेतवा योजना की लिंक नहर के माध्यम से पन्ना टाइगर रिजर्व में पर्यटन बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।