पैरालंपिक खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपये देगी मध्यप्रदेश सरकार
-मुख्यमंत्री ने सेवा पखवाड़े के तहत भाजपा कार्यालय में पैरालंपिक खिलाड़ियों को किया सम्मानित
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा (Vishnudatt Sharma) ने सेवा पखवाड़े (Service Fortnight.) के तहत मंगलवार शाम को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पैरालंपिक खिलाड़ियों (Paralympic players) प्राची यादव, पूजा झा व कपिल परमार को शॉल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कार्यक्रम में बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि पैरालंपिक खिलाड़ियों को मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) शासकीय नौकरी और एक करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि देगी। मध्यप्रदेश खेल विभाग द्वारा भी पैरालंपिक खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाएगा।
खिलाड़ियों की प्रतिभाओं को सबके सामने लाएगा खेल विभागः डॉ मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि पैरालंपिक खिलाड़ियों ने मध्यप्रदेश और देश का नाम दुनिया भर में ऊंचा किया है। आज का दिन बड़े सौभाग्य का दिन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दुनिया में भारत का डंका बजाकर आज अमेरिका से वापस आ रहे हैं। प्रधानमंत्री एक विराट सोच के व्यक्तित्व हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद खेलों और प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। कभी नंगे पांव हमारे खिलाड़ी ध्यानचंद ने ओलंपिक में अपना लोहा मनवाया। मध्यप्रदेश की बेटी प्राची यादव एवं पूजा झा और कपिल परमार ने पैरालंपिक में देश को पदक दिलाकर इतिहास रच दिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार सभी खेलों को प्रोत्साहन दे रही है। पैरालंपिक खिलाड़ियों को खेल विभाग द्वारा भी सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की डबल इंजन की भाजपा सरकार सभी अखाड़ों और खेल विधाओं को प्रोत्साहित करेगी। आप सभी खिलाड़ी देश की गौरवशाली परंपरा के ध्वजवाहक हैं। मैं तो चाहता हूं कि खेल प्रतियोगिताओं के सभी पदक भारत के खिलाड़ी जीतकर आएं। इसी विश्वास के साथ मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के साथ उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराएगी, ताकि मध्यप्रदेश के खिलाड़ी देश-दुनिया में परचम फहराते रहें।
पैरालंपिक खिलाड़ियों ने देश के अंदर इतिहास बनाने का कार्य कियाः विष्णुदत्त शर्मा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त ने कहा कि पैरा पैरालंपिक खिलाड़ियों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से देश और मध्यप्रदेश का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है। पैरालंपिक खिलाड़ियों को आदर्श मानकर अन्य युवा भी अपने लक्ष्य पूर्ति के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि सेवा पखवाड़े के तहत आज पैरालंपिक खिलाड़ियों को सम्मानित कर हम सब खुद को गौरवांवित महसूस कर रहे हैं कि ऐसी महान विभूतियों को सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। पैरालंपिक खिलाड़ियों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से देश के अंदर इतिहास बनाने का कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि मैं भी खिलाड़ी रहा हूं और हमारे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी खिलाड़ी रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद खेलों को लगातार बढ़ावा दे रहे हैं। खेल नीति बनाकर खेल प्रतिभाओं को देश-दुनिया के सामने लाने का कार्य किया है। पैरालंपिक खेलों में आज तक इतने पदक नहीं मिले। पैरालंपिक के इतिहास में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ, जैसा प्रदर्शन खिलाड़ी अब कर रहे हैं, यह प्रधानमंत्री की खेल नीतियों और खेलों को बढ़ावा देने से हो रहा है। हमारे पैरालंपिक खिलाड़ी भाई-बहनों को अब पदक लाने से कोई रोक नहीं सकता। मध्यप्रदेश और देश के युवाओं को इन पैरालंपिक खिलाड़ियों के प्रदर्शन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए। युवाओं को सीखना चाहिए कि जब यह अभाव को प्रभाव में बदलकर नाम रोशन कर रहे हैं तो हम क्यों नहीं कर सकते। युवाओं को पैरालंपिक खिलाड़ियों से प्रेरणा लेकर अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रयास करना चाहिए।
कार्यक्रम में प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह, प्रदेश शासन के मंत्री लखन पटेल, प्रतिमा बागरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, प्रदेश महामंत्री व विधायक भगवानदास सबनानी, हरीशंकर खटीक, प्रदेश कार्यालय मंत्री डॉ. राघवेन्द्र शर्मा एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष उषा अग्रवाल मंचासीन रहे। कार्यक्रम का संचालन खेल प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्रवण मिश्रा ने किया एवं आभार प्रदर्शन युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पंवार ने माना।
गौरतलब है कि पेरिस पैरालिंपिक 2024 में मध्यप्रदेश के दो खिलाड़ियों ने ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। जबलपुर की रुबीना फ्रांसिस ने 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में देश को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया, जबकि सीहोर के कपिल परमार ने जूडो में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने जूडो में देश को पहला पदक दिया।