मप्र अपार संभावनाओं का क्षेत्र, यहां उद्योगों के लिए सभी तरह की सुविधाएं उपलब्धः सीएम डॉ. यादव
ग्वालियर। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने ग्वालियर रीजनल इन्वेस्टर कॉन्क्लेव (Gwalior Regional Investor Conclave) में बुधवार देर शाम राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस (round table conference) में उद्योगपतियों से कहा कि मध्यप्रदेश अपार संभावनाओं का क्षेत्र है। यहां उद्योगों के लिए सभी तरह की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। आइए, प्रदेश में निवेश कीजिए, प्रदेश आपका स्वागत करता है। आपके उद्योग लगाने में आपको हर प्रकार से सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने स्टार्टअप्स प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा कि हमारा प्रयास प्रदेश के युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाने का है। स्टार्टअप हमारे लिए मददगार साबित होंगे एवं प्रदेश की बौद्धिक संपदा और क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। चर्चा में जल संसाधन एवं प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, वन मंत्री रामनिवास रावत, नवीनीकरण ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार स्टार्ट अप को भरपूर सहयोग प्रदान कर रही हैं। हम प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ाने के लिए भी योजना लाने वाले हैं। अभी तक प्रदेश में पांच इंस्टिट्यूट ऐसे है, जो कि शासकीय हैं। हमारा संकल्प है कि इनकी संख्या 13 तक पहुँच जाये। वनांचल बेल्ट जो औषधियों से भरपूर क्षेत्र है जिसे सरकार पूरी तत्परता से प्रोत्साहित कर रही है एवं इसके विकास से प्रदेश की जनता को रोजगार मिलेगा एवं वनवासियों की बौद्धिक संपदा और क्षेत्रीय भाषा का हमें सहयोग प्राप्त होगा। अनुसूचित जनजाति को मुख्य धारा में लाने के लिये यह जरूरी है कि वन औषधियों से संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देने से उनको रोजगार मिलेगा एवं औषधियों को उचित दाम मिले, इसका सरकार प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने लेदर एवं फुटवियर से संबंधित उद्यमियों से चर्चा करते हुए कहा कि हमें सिंथेटिक लेदर को बढ़ावा देना होगा। ग्वालियर एवं मुरैना में भी रोज़गारपरक लेदर इंडस्ट्रीज़ को बढ़ावा दिया जायेगा। हमने कई इंडस्ट्रियल पार्क बनाये हैं, सभी उद्योगपति उनमें बेझिझक निवेश करें।
पीसीबी की राउंड टेबल कांफ्रेंस में चर्चा हुई कि ईएसडीएम इंडस्ट्रीज़ को बढ़ावा दिया जाये एवं प्रदेश को इंटीग्रेटेड सर्किट, मैन्यूफ़ैक्चरिंग एवं सेमीकंडक्टर में आत्मनिर्भर बनाया जाये। पीसीबी से संबंधित उद्योगों के लिए मध्यप्रदेश में सभी ज़रूरी संसाधन बिजली, पानी उपलब्ध हैं एवं ग्वालियर का दिल्ली के पास होना यहाँ इस उद्योग के विकास के लिये लाभकर सिद्ध होगा। राउंड टेबल बैठक के उद्देश्य ग्वालियर को एक उभरते स्टार्टअप हब के रूप में उजागर, आपसी सहयोग को बढ़ावा, चुनौतियों और अवसरों की पहचान, शासकीय सहायता, निवेश रुचि उत्पन्न करना था।
राउंड टेबल कांफ्रेस में प्रमुख सचिव संजय दुबे एवं प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह भी उपस्थित थे। दुबे ने कहा कि पीसीबी मैन्यूफ़ैक्चरिंग उद्योगों को बढ़ावा मिलने से और भी उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा हम उद्यमियों को हर संभव सहायता एवं इंसेंटिव देने को तैयार है एवं सरकार की सारी योजनाएँ भी इसी ओर केंद्रित हैं।
निवेशकों को राज्य सरकार उपलब्ध कराए कराएगी सभी सुविधाएं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निवेशकों से मध्यप्रदेश में निवेश करने का आग्रह करते हुए कहा कि राज्य सरकार सभी सुविधाएं और आधारभूत अधोसंरचना उपलब्ध कराएगी। किसी प्रकार की बाधा नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि निवेशकों के सुझाव पर नीति में भी परिवर्तन किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को ग्वालियर में रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव में उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित हैं। निवेश के माध्यम से हर युवा को रोजगार मिले इस उददेश्य से संभाग स्तर पर जाकर कॉन्क्लेव आयोजित किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से चर्चा में कहा कि मध्य प्रदेश में यदि विदेशी निवेश आ रहा है तो सौभाग्य की बात है। सभी प्रकार से सरकार का सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ यादव से एसेंचर आईटी के एमडी मनोज चतुर्वेदी ने मुलाकात की और उनसे मध्य प्रदेश में निवेश के संबंध में चर्चा की। मार्बल विनाइल के पंकज चावला ने ऑटोमेटिक इंटीरियर के संबंध में चर्चा की। एलिक्सर इंडस्ट्री ने फर्नीचर और रसायन के क्षेत्र में इन्वेस्ट करने की इच्छा जाहिर की।
इसी प्रकार प्रॉपर लाइट इंडस्ट्री खास संस्करण उद्योग में लाना चाह रही है। मुख्यमंत्री ने कोऑपरेटिव सेक्टर को भी बढ़ावा देने की बात करते हुए कहा कि प्रदेश के साथ संभागों में कोऑपरेटिव सेक्टर को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होने निवेशकों से सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने पशुधन को बढ़ाने, उनके चारे की विशेष व्यवस्था करने के लिए धनराशि जुटाने की चर्चा की, जिससे कि दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी हो।
रिलायंस इंडस्ट्री ने बंजर पड़ी जमीन पर चारा उगाने के लिए रिसर्च डिपार्टमेंट स्थापित करने की कार्य योजना रखी। ग्वालियर के 800 एकड़ क्षेत्र में घास लगाकर इससे गैस बनाने की प्रक्रिया के लिए बायोकैमिकल इंडस्ट्री के साथ पहले रिसर्च डिपार्टमेंट स्थापित करने की बात कही। प्लेग्रो इंडस्ट्रीज के अंकुर गुप्ता ने खिलौने और फर्नीचर के लिए पॉलिसी बनाने पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव को धन्यवाद दिया। इंदौर व उज्जैन क्षेत्र में खिलौना उद्योग लगाने की इच्छा जताई।
जमुना इंडस्ट्री ऑटोमोबाइल क्षेत्र के कार्यकारी निदेशक कोहली ने स्प्रिंग और सस्पेंशन बनाने के लिये निवेश की इच्छा जाहिर करते हुए पीथमपुर के पास जमीन अलॉट करने की बात रखी। इस प्रकार 18 से अधिक उद्योगपतियों ने लगभग 5000 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट करने के संबंध में अपनी बात रखी। ग्वालियर मुरैना में भी लगभग 3000 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव इन उद्योगपति ने दिए हैं।
हाई राइड समूह के एमडी अनुज अग्रवाल ने बताया की मेक इन इण्डिया मुहिम के तहत 2500 करोड रुपये के निवेश से दो गीगा वाट क्षमता का सौर उर्जा सेल विनिर्माण इकाई तथा सिवनी में 300 केएलपीडी क्षमता का इथेनॉल प्लांट स्थापित किये जाने की योजना है।
जमना ऑटो के सुरेंद्र पाल ने औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर, जिला भिंड में 42 एकड़ क्षेत्रफल पर रुपये 300 करोड़ के अधिक के निवेश से प्लांट संचालित है, जिसमें 1100 से अधिक व्यक्ति कार्यरत है। मार्बल ग्रुप द्वारा प्रदेश में लगभग 50 से 60 एकड भूमि पर ऑटोमोटिव इंटीरियर फर्निशिंग, वाटर प्रूफिंग तथा जियोमेमब्रेन्स के निर्माण हेतु 4 ज्वांइट वेंचर इकाईयां स्थापित किये जाने की योजना है। इन इकाइयों में रुपये 620 करोड का निवेश तथा 2800 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रस्तावित है।
ओएफबी कंपनी की रुपये 350 करोड़ की लागत के साथ टेक्सटाइल, बैग निर्माण सम्बन्धी इकाई स्थापना की योजना है। प्राइम गोल्ड कंपनी की ग्वालियर जिले में स्थापित स्टील निर्माण इकाई के विस्तार में रुपये 250 करोड का अतिरिक्त निवेश की योजना है जिससे अतिरिक्त 200 से 300 व्यक्तियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। करीब 2000 एकड भूमि क्षेत्रफल पर जिला मुरैना में बायो एनर्जी सेक्टर संबंधी कंप्रेस्ड बायो गैस इकाई स्थापित किये जाने की योजना है।