महाराष्ट्र: शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर राजनीति, जूता मारो आंदोलन

मुंबई. छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर राजनीति गरमा रही है. रविवार को महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने सरकार के खिलाफ जूते मारो आंदोलन किया है. कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने इस मुद्दे पर सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि सरकार को इस घटना पर शर्म आनी चाहिए और तत्काल इस्तीफा देना चाहिए. महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के विरोध में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने रविवार को दक्षिण मुंबई के हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक एक विशाल मार्च निकाला. यह प्रतिमा 17वीं सदी के मराठा योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की थी, जो सिंधुदुर्ग जिले के मालवन तहसील में राजकोट किले पर स्थापित थी. यह प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 4 दिसंबर, 2023 को नौसेना दिवस के अवसर पर अनावरण किया था.

वर्षा गायकवाड़ ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज से बड़ा कोई कोर्ट नहीं है और बीजेपी अब भ्रष्ट पार्टी बन चुकी है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू द्वारा बनाई गई प्रतिमा आज भी 67 साल बाद खड़ी है, फिर बीजेपी किस बात पर आंदोलन कर रही है जबकि सरकार उन्हीं की है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर अब तक माफी तक नहीं मांगी है. इस आंदोलन में उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे भी हुतात्मा चौक पहुंचे. यहां बड़े पैमाने पर चप्पलें और जूते लाए गए जो इस विरोध प्रदर्शन का प्रतीक हैं. आंदोलनकारियों को हुतात्मा चौक से आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई है, जिससे वहां स्थिति तनावपूर्ण हो गई है.

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने महायुति सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन की घोषणा की है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने ऐलान किया था कि रविवार से सरकार को जूते मारो आंदोलन शुरू किया जाएगा. इसी के बाद आज कार्यकर्ता इस अभियान के लिए जुटे हैं. संजय राउत ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा विवाद को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, “वो प्रतिमा हमारे लिए सिर्फ एक स्टैच्यू नहीं, बल्कि भगवान की मूर्ति है. इन लोगों ने हमारे भगवान की मूर्ति में भी भ्रष्टाचार कर दिया है. हम इसे सहन नहीं करेंगे और रविवार से सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे.

एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और पार्टी की मुंबई इकाई की प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने हुतात्मा चौक पर ‘संयुक्त महाराष्ट्र’ आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर विरोध मार्च की शुरुआत की. एनसीपी (एसपी) नेता राजेश टोपे और शिवसेना (यूबीटी) नेता सुनील प्रभु ने कहा कि इस विरोध मार्च का उद्देश्य महाराष्ट्र की जनता के गुस्से को आवाज देना है, जो प्रतिमा के गिरने से आहत हैं. प्रतिमा गिरने की घटना के केवल आठ महीने बाद ही जनता के बीच गहरी नाराजगी है, विशेष रूप से क्योंकि इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया गया था.सुनील प्रभु ने बताया कि यह विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण है.

सुबह 11 बजे के बाद मार्च की शुरुआत हुई और इसमें कोल्हापुर से कांग्रेस सांसद शाहू छत्रपति, एनसीपी (एसपी) की बारामती सांसद सुप्रिया सुले और विधायक अनिल देशमुख भी शामिल हुए. हुतात्मा चौक पर छत्रपति शिवाजी महाराज की एक मूर्ति रखी गई थी, जबकि विरोध मार्च में शामिल लोग हाथों में तख्तियां लेकर प्रतिमा गिरने की घटना की निंदा कर रहे थे और एकनाथ शिंदे सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे. एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने भी कुछ दूरी तक इस विरोध मार्च में हिस्सा लिया, जिसके बाद वह अपने वाहन में चले गए. यह मार्च गेटवे ऑफ इंडिया पर समाप्त हुआ, जो हुतात्मा चौक से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
राउत का यह बयान उस समय आया है जब महाराष्ट्र में महायुति सरकार के खिलाफ विपक्ष की नाराजगी और गुस्सा बढ़ता जा रहा है. शिवाजी महाराज की प्रतिमा में कथित भ्रष्टाचार को लेकर जनता के बीच भी नाराजगी है, जिसे लेकर उद्धव सेना ने सरकार के खिलाफ इस आंदोलन का ऐलान किया है. राउत ने कहा कि यह आंदोलन सरकार की भ्रष्ट नीतियों के खिलाफ है और इसे पूरे महाराष्ट्र में व्यापक समर्थन मिलने की उम्मीद है.

सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में शुक्रवार को पहली गिरफ्तारी हुई है. कोल्हापुर से स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. कोल्हापुर क्राइम ब्रांच ने सिंधुदुर्ग केस में चेतन पाटिल को शुक्रवार तड़के गिरफ्तार किया और बाद में आरोपी को मालवन पुलिस को सौंप दिया गया. इससे पहले एफआईआर में कॉन्ट्रैक्टर और आर्किटेक्ट जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल को आरोपी बनाया गया था. एफआईआर में दोनों पर लापरवाही और प्रतिमा के आसपास के लोगों को संभावित रूप से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.

सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण 4 दिसंबर, 2023 को किया गया था, जब पहली बार नौसेना दिवस समारोह का आयोजन सिंधुदुर्ग में किया गया था. इस प्रतिमा का मकसद मराठा नौसेना की विरासत और छत्रपति शिवाजी महाराज के समुद्री रक्षा और सुरक्षा में योगदान का सम्मान करना था. इस प्रोजेक्ट का कॉन्सेप्ट और नेतृत्व इंडियन नेवी ने राज्य सरकार के सहयोग से किया था. सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए फंड भी मुहैया करवाया था. प्रतिमा गिरने के बाद राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही आलोचना के घेरे में हैं.

इस मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी माफी मांगी है. पीएम मोदी ने महाराष्ट्र दौरे के दौरान पालघर में आयोजित एक कार्यक्रम में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर अफसोस जताया और माफी मांगी. इसी तरह, सीएम एकनाथ शिंदे ने भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह 100 बार शिवाजी महाराज के पैर छूने और माफी मांगने में संकोच नहीं करेंगे. महायुति सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप और शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना को लेकर जनता और विपक्षी दलों में भारी नाराजगी है. संजय राउत के नेतृत्व में शिवसेना (यूबीटी) ने इस मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ व्यापक आंदोलन का आह्वान किया है. जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच इसे लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है.