मनीष सिसोदिया को और करना होगा इंतजार, सुप्रीम कोर्ट से ED ने मांगा समय

Supreme Court Manish Sisodia To File Bail Plea Again After 1 Month While  Denying Bail For 2nd Time

नई दिल्‍ली । 16 महीनों से जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया का जमानत के लिए इंतजार और लंबा हो गया है। सर्वोच्च अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई 5 अगस्त तक टाल दी है। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जवाब दाखिल करने के लिए और समय दी है।

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद मामले को अगले सोमवार तक टाल दिया। उन्होंने ईडी को जवाब दाखिल करने के लिए गुरुवार तक का समय दिया है। इस बीच सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जवाब दिया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के जवाब को रिकॉर्ड पर लाने को कहा। केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। वहीं, अडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने जह कहते हुए आपत्ति जताई कि एक ही फैसले पर यह दूसरी एसएलपी है।

कथित शराब घोटाले से जुड़े ईडी और सीबीआई के केस में जमानत के लिए सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सिसोदिया ने यह कहते हुए सर्वोच्च अदालत से राहत की मांग की है कि उनके खिलाफ मुकदमे में पिछले साल अक्टूबर से कोई प्रगति नहीं हुई है। कोर्ट 16 जुलाई को सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए सीबीआई और ईडी से जवाब मांगा था।

पिछले साल 26 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे सिसोदिया

दिल्ली सरकार में कभी 18 विभागों को संभालने वाले सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद ईडी ने 9 मार्च 2023 को उन्हें गिरफ्तार किया था। तब से वह तिहाड़ जेल में ही बंद हैं। जमानत के लिए मनीष सिसोदिया ने पहले भी निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक का रुख किया लेकिन उन्हें अब तक राहत नहीं मिली है। पत्नी के बीमार होने का हवाला देकर भी उन्होंने जमानत मांगी थी। अदालत ने उन्हें मुलाकात का मौका दिया, लेकिन जमानत नहीं।

क्या है पूरा शराब घोटाला केस

सीबीआई और ईडी का दावा है कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बनाई गई शराब नीति में भ्रष्टाचार किया गया। केंद्रीय जांच एजेंसियों के मुताबिक शराब नीति में गलत तरीके से बदलाव करते हुए शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया और बदले में उनसे रिश्वत हासिल की गई। मनीष सिसोदिया उस समय आबकारी मंत्री थे। इस मामले में आम आदमी पार्टी और इसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को भी आरोपी बनाया गया है।