जीएसटी कलेक्शन से मोदी सरकार को हुआ बड़ा इजाफा, 8.5 फीसदी बढ़कर 1.82 लाख करोड़ रुपये पहुंचा
नई दिल्ली। देश में नवंबर माह जीएसटी कलेक्शन के हिसाब से शानदार रहा है, जिसके आकड़े अब सामने आए हैं। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से नवंबर के बीच 14.57 लाख करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ है, जिसमें कि नवंबर महीने में 1.82 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ है। अक्टूबर में सकल जीएसटी संग्रह 9 प्रतिशत बढ़कर 1.87 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। अक्टूबर में केंद्रीय जीएसटी संग्रह 33,821 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 41,864 करोड़ रुपये, एकीकृत आईजीएसटी 99,111 करोड़ रुपये और उपकर 12,550 करोड़ रुपये था।
आने वाले दिनों में जीएसटी कराधान प्रणाली में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
इस तरह, भारी जीएसटी कलेक्शन के जरिए केंद्र की मोदी सरकार खजाना भरने में लगी है, वही जीएसटी को लेकर आम उपभोक्ता एवं उद्योगपति, कंपनी संचालकों की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। तमाम लोगों ने इस बारे में अब तक अपनी शिकायत दर्ज कराई है। सरकार कई सामान पर बहुत अधिक जीएसटी वसूल रही है इससे भले ही सरकार का खजाना तो भर रहा है किंतु आम व्यक्ति की जेब खाली हो रही है जिसमें कि सबसे ज्यादा मार इस वक्त टैक्स पेयर्स पर ही पड़ती नजर आ रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में जीएसटी कराधान प्रणाली में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
कई वस्तुओं पर कर की दरें 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी किए जाने की चर्चा आम है।
इस संबंध में आर्थिक मामले देखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता धनंजय प्रताप सिंह कहते हैं कि हाल ही में जीएसटी काउंसिल और दो मंत्रियों के समूहों की बैठक के बाद जीएसटी काउंसिल को उनके द्वारा अपनी एक रिपोर्ट सौंपी गई है, इसमें स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी हटाने का फैसला भी शामिल है। अब जीएसटी काउंसिल की 21 दिसंबर को जैसलमेर में बैठक होने वाली है, जिसमें स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी से छूट या दरों में कटौती पर फैसला लिया जा सकता है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता और उनके राज्य समकक्षों वाली एक परिषद दर सामंजस्य पर कुछ निर्णय ले सकती है। राज्य मंत्रियों की समिति की सिफारिशों के मुताबिक, आम उपभोग की कई वस्तुओं पर कर की दरें 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी किए जाने की चर्चा आम है।
इनके अलावा आर्थिक मामलों के अन्य विशेषज्ञ आशुतोष कुमार झा का कहना है कि फिलहाल केंद्र सरकार बहुत अधिक जीएसटी वसूल रही है, महंगाई भी देश में बढ़ रही है जिसके चलते आम लोग आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, यदि जीएसटी प्रतिशत काम होता है तो महंगाई भी कम होगी, यह मानकर चलिए। यह बात सच है कि जीएसटी कलेक्शन से देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने में सरकार ध्यान दे रही है, लेकिन आम लोगों के जीवन में धन के प्रवाह को देखना भी जरूरी है । कई लोग देश में आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं कहीं ना कहीं बढ़ी हुई जीएसटी दर उनके संकट को और अधिक बढ़ाती है, इसलिए सरकार को जरूर जीएसटी प्रतिशत पर ध्यान देकर उसे जल्द कम कर देना चाहिए ।