मोदी सरकार का बड़ा फैसला: 2027 जनगणना के लिए 11,718 करोड़ का बजट मंजूर, किसानों को भी राहत
डिजिटल जनगणना का ऐतिहासिक फैसला
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 2027 की जनगणना पहली बार डिजिटल रूप में आयोजित की जाएगी, जिसमें डेटा सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। यह जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण में 1 अप्रैल से सितंबर 2026 तक हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस होगा, और दूसरे चरण में फरवरी 2027 में जनसंख्या गणना की जाएगी। इस बार डिजिटल जनगणना में डेटा कलेक्शन के लिए मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा, जो हिंदी, इंग्लिश और क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगा। इस कदम से जनगणना प्रक्रिया में तेजी आएगी और डेटा संग्रहण को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जाएगा।
कोल सेक्टर में आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम
मंत्री ने बताया कि कोल सेतु नामक योजना के तहत भारत अब कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है। इससे भारत की कोयला आयात पर निर्भरता खत्म हो रही है, जिससे 60 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। 2024-25 में भारत ने 1 बिलियन टन कोल प्रोडक्शन का लक्ष्य हासिल किया है, जो देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा।
किसानों के लिए राहत: एक और बड़ा फैसला
सरकार ने किसानों से जुड़े एक महत्वपूर्ण फैसले का भी ऐलान किया है, हालांकि इसके विवरण का अभी खुलासा नहीं किया गया है। इससे किसानों को फसल उगाने और उनकी आय को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की बेहतरी के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने 2027 की डिजिटल जनगणना के लिए 11,718 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है, जो जनगणना प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाएगा। साथ ही कोल सेक्टर में आत्मनिर्भरता के लिए उठाए गए कदम से देश की ऊर्जा सुरक्षा को नया आयाम मिलेगा। किसानों से जुड़े फैसले ने भी उनकी स्थिति में सुधार की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाया है।
