मप्र विधानसभाः हंगामेदार रहा शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन, वीआईटी हिंसा पर विपक्ष का हंगामा

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भोपाल।
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन मंगलवार को हंगामेदार रहा। सत्र के दौरान अतिवृष्टि और वीआईटी विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों द्वारा अनियमितताओं को लेकर की गई तोड़-फोड़ के मामले में विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। इससे पहले कांग्रेस विधायक खेतों में फसलों की स्थिति को दर्शाती तख्तियां लेकर विधानसभा पहुंचे। शून्यकाल की सूचनाएं पढ़ी जाने के बाद विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार तक स्थगित कर दी गई।

दरअसल, लंच के बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सीहोर जिले के वीआईटी विश्वविद्यालय में हुई मारपीट और आगजनी की घटना को लेकर विधायक दिनेश जैन ‘बोस’ ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया। उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि विश्वविद्यालय को कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा गया है, इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। विधायक जैन ने मजिस्ट्रेट जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की, साथ ही छात्रों पर दर्ज प्रकरण वापस लेने की भी बात कही। मंत्री परमार ने कहा कि 4 हजार छात्रों का सड़क पर आना गंभीर मामला है, सरकार इसे गंभीरता से ले रही है और आगे सख्त कदम उठाए जाएंगे।

कांग्रेस विधायक महेश परमार ने हनुमान चालीसा का पाठ करने पर सजा देने के मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विश्वविद्यालय में प्रशासक नियुक्त कर उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। साथ ही उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से विधायकों की एक कमेटी गठित करने का भी आग्रह किया। इस पर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि विश्वविद्यालय को जो कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, उसका उद्देश्य ही यह है कि सरकार आवश्यक होने पर विश्वविद्यालय को अपने नियंत्रण में लेकर कठोर कार्रवाई करे। मंत्री परमार ने स्पष्ट किया कि अब तक किसी विश्वविद्यालय के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई नहीं हुई होगी, जैसी इस मामले में की जाएगी।

उप नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे ने आरोप लगाया कि वीआईटी विश्वविद्यालय में हनुमान जी का नाम लेने पर छात्रों से 5 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाई उन्होंने पहले कभी नहीं देखी। कटारे ने सवाल उठाया कि जब सीएमएचओ को विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया, तो शासकीय कार्य में बाधा का मामला अब तक दर्ज क्यों नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अगर कलेक्टर और सीएमएचओ चाहें तो धार्मिक भावनाएं भड़काने और शासकीय कार्य में बाधा समेत अन्य धाराओं में विश्वविद्यालय प्रबंधन पर केस दर्ज कराया जा सकता है। उन्होंने वीआईटी कॉलेज में हिंसा को छोटा जेन-जेड आंदोलन बताया।

इससे पहले मंगलवार को शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में मध्य प्रदेश नगर पालिका संशोधन अध्यादेश- 2025 सर्वसम्मति से पारित हो गया। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह संशोधन राजीव गांधी के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि पहले राइट टू रिकॉल ढाई साल में लागू होता था, जिसे अब 3 साल कर दिया गया है ताकि लोकतंत्र और मजबूत हो। वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि इस बिल से जनता को कोई सीधा फायदा नहीं होगा। यह केवल टिकट बेचने का माध्यम बनेगा और 3 साल बाद फिर खुलेआम हॉर्स ट्रेडिंग होगी।

मध्य प्रदेश दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक 2025 पारित

इसके साथ ही विधानसभा में मंगलवार को मध्य प्रदेश दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक 2025 भी पारित हो गया। श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि 20 से कम दुकानों या स्थानों में लेबर इंस्पेक्टर केवल कमिश्नर की अनुमति से ही जाएगा। महिलाओं को समान वेतन और 24 घंटे खुली दुकानों में सुरक्षा देने की जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने बताया कि दुकान रजिस्ट्रेशन शुल्क 250 रुपये से अधिकतम 2500 रुपये तय किया गया है, जिसका अर्थ यह नहीं कि सभी दुकानों पर 2500 रुपये लगेगा। यह राशि भविष्य में संभावित बढ़ोतरी के लिए निर्धारित की गई है।

दूसरा अनुपूरक बजट सदन में पेश

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने दूसरा अनुपूरक बजट सदन में पेश किया। इस पर 4 दिसंबर को 3:30 घंटे चर्चा होगी। दूसरा अनुपूरक बजट 13476 करोड़ 94 लाख रुपये का है।