MP: खंडवा में बिहार के इमाम पर केस दर्ज होने पर भड़के ओवैसी, पुलिस कार्रवाई पर उठाए सवाल
खंडवा। मध्य प्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) ने बीते दिनों बिहार (Bihar) के एक इमाम (Imam) को खंडवा (Khandwa) आकर स्थानीय प्रशासन को सूचना दिए ही मस्जिद में रहने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस प्रकरण पर सियासत गर्म है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने खंडवा पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाया है। लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने खंडवा पुलिस पर धर्म विशेष के लोगों को टारगेट करने का आरोप लगाया है। ओवैसी के भाषण का वीडियो अब जमकर वायरल हो रहा है।
हैदराबाद में पार्टी के एक कार्यक्रम में AIMIM पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने खंडवा एसपी मनोज कुमार राय पर निशाना साधते हुए कार्रवाई पर सवाल उठाया। ओवैसी ने कहा कि मध्य प्रदेश के खंडवा में एक मस्जिद के लिए बिहार से एक इमाम आए। इस पर पुलिस ने केस दर्ज किया कि तुमने कैसे बिहार से आए इमाम को खंडवा की मस्जिद में रखा। इनको बताओ कि संविधान का आर्टिकल 19 क्या है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि संविधान का आर्टिकल 19 मूलभूत अधिकार है। खंडवा के एसपी साहब बताएं कि बीएनएस की धारा 223 बड़ी है या संविधान का आर्टिकल 19 उससे बड़ा है। केवल वह मुसलमान है इसलिए आप केस दर्ज कर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बीते 8 सितंबर को खंडवा जिले की खालवा थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि ग्राम खारकला की मस्जिद में अख्तर रजा पिता बदरूददीन निवासी बिहार से यहां आकर रह रहा है। उसे मस्जिद के सदर मोहम्मद हनीफ खान ने नमाज पढाने के लिए रखवाया था। इस पर पुलिस मस्जिद पहुंची और मस्जिद के सदर हनीफ और नमाज पढाने वाले इमाम अख्तर रजा से पूछताछ की।
पुलिस के अनुसार, इमाम के वहां रहने की जानकारी मस्जिद के सदर की ओर से थाना खालवा पर नहीं दी गई थी। पुलिस ने इसे बीएनएसएस की धारा 163 के दिशा निर्देशों का उल्लंघन माना। फिर थाना प्रभारी खालवा जगदीश सिंधिया ने मस्जिद के इमाम और सदर दोनों के खिलाफ बीएनएसएस की धारा 223 के तहत केस दर्ज किया। पुलिस के ऐक्शन का मुस्लिम समाज के लोगों ने विरोध किया था।
