मुर्शिदाबाद में एक बार फिर भड़की हिंसा, वक्फ के खिलाफ भीड़ ने पुलिस और ट्रेन पर बरसाए पत्थर; BSF की तैनाती

मुर्शिदाबाद, पूर्वी रेलवे के अधिकारी ने बताया कि आज दोपहर 2:46 बजे अवरोध शुरू हुआ। लगभग 5,000 लोग एक लेवल क्रॉसिंग गेट पर पटरियों पर बैठ गए था। एक अन्य लेवल क्रॉसिंग गेट को प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त भी किया है।

वक्फ के खिलाफ मुर्शिदाबाद में फिर भीड़ बेकाबू, पुलिस और ट्रेन पर बरसाए पत्थर; BSF की तैनाती
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक बार फिर हिंसा भड़क गई। उपद्रवियों ने शुक्रवार को पुलिस और ट्रेन पर पथराव किया है। राज्य के धुलियांगंगा और निमटीटा स्टेशनों के बीच प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों पर तोड़फोड़ की। इसके कारण पूर्वी रेलवे के न्यू फरक्का-आजिमगंज खंड में ट्रेन सेवाएं बाधित हो गईं। पूर्वी रेलवे के अधिकारी ने बताया कि आज दोपहर 2:46 बजे अवरोध शुरू हुआ। लगभग 5,000 लोग एक लेवल क्रॉसिंग गेट पर पटरियों पर बैठ गए थे। एक अन्य लेवल क्रॉसिंग गेट को प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त भी किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस अवरोध के चलते कई ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा है। 13465 हावड़ा-मालदा टाउन इंटरसिटी एक्सप्रेस, 13141 सियालदह-न्यू अलीपुरद्वार तीस्ता तोर्सा एक्सप्रेस, 15644 कामाख्या-पुरी एक्सप्रेस और 13432 बालुरघाट-नबद्वीप धाम एक्सप्रेस को रामपुरहाट के रास्ते डायवर्ट करना पड़ा। इसके अलावा, 53029 आजिमगंज-भागलपुर पैसेंजर और 53435 कटवा-आजिमगंज पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। 2 अन्य पैसेंजर ट्रेनों को उनके गंतव्य से पहले समाप्त करना पड़ा।

वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में जुटी भीड़
बीएसएफ की साउथ बंगाल फ्रंटियर की ओर से कहा गया, ‘आज मुर्शिदाबाद के जंगीपुर में वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में भीड़ जमा हो गई। इसके बाद भीड़ बेकाबू हो गई, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई। जिला प्रशासन से अपील जारी की। इसके बाद, बीएसएफ की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया दी गई। सामान्य स्थिति बहाल करने में प्रशासन की मदद के लिए जवानों को तैनात किया गया है।’ इससे पहले, बुधवार को मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी। इस सिलसिले में 22 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।

नए वक्फ कानून से क्या है आपत्ति
प्रदर्शकारी वक्फ संशोधन कानून, 2025 को मुस्लिम विरोधी बता रहे हैं। यह कानून वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, प्रबंधन और निगरानी को डिजिटल और पारदर्शी बनाने का दावा करता है, लेकिन विपक्षी दल और मुस्लिम संगठन इसे धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों पर हमला मानते हैं। उनका कहना है कि कानून में गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने और सरकारी अधिकारियों को संपत्तियों की जांच का अधिकार देने जैसे प्रावधान समुदाय के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप हैं। विपक्षी नेता, जैसे ममता बनर्जी, असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस नेताओं, ने इसे संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन बताया, जो धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं। प्रदर्शनकारी मानते हैं कि यह कानून वक्फ संपत्तियों को कमजोर करेगा, जो मस्जिदों, स्कूलों और कब्रिस्तानों के लिए उपयोग होती हैं।

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