आंध्र में वाईएसआरसीपी कार्यालय को नपा ने किया ध्वस्त, राजनीति गरमाई, चंद्रबाबू नायडू सरकार निशाने पर

अमरावती। आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू सरकार और विपक्षी जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी कांग्रेस पार्टी के बीच राजनीति गरमा गई है। दरअसल इसका कारण यह है कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के ताड़ेपल्ली स्थित निर्माणाधीन केंद्रीय कार्यालय को कथित अवैध निर्माण के कारण शनिवार तड़के नगरपालिका अधिकारियों ने ध्वस्त कर दिया। मंगलागिरी-ताडेपल्ली नगर निगम (एमटीएमसी) द्वारा उत्खनन मशीनों और बुलडोजरों का उपयोग करके की गई यह तोड़फोड़, राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (सीआरडीए) द्वारा एक नोटिस के बाद शुरू हुई, जिसमें कार्रवाई के पीछे अनधिकृत निर्माण को कारण बताया गया था।

हालांकि, वाईएसआरसीपी, जो अब विपक्ष में है, ने कानूनी हस्तक्षेप की मांग की, तथा दावा किया कि उच्च न्यायालय ने किसी भी प्रकार की विध्वंस गतिविधि पर रोक लगाने का आदेश दिया है, फिर भी तोड़फोड़ जारी रही। हालांकि सीआरडीए और एमटीएमसी अधिकारियों ने कहा कि वाईएसआरसीपी कार्यालय सिंचाई विभाग के स्वामित्व वाली भूमि पर बनाया जा रहा था और निर्माण आवश्यक अनुमोदन के बिना आगे बढ़ा था। सोशल मीडिया पर वायरल हुए दृश्यों में बुलडोजरों द्वारा आंशिक रूप से निर्मित ढांचे को तब तक ढहाते हुए दिखाया गया जब तक कि पूरा परिसर ध्वस्त नहीं हो गया।

इस कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने इस विध्वंस की निंदा करते हुए इसे मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा किया गया राजनीतिक प्रतिशोध बताया और नायडू को तानाशाह करार दिया। रेड्डी ने एक्स पर लिखा, आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू ने अपने दमनकांड को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया। एक तानाशाह ने ताड़ेपल्ली में लगभग बनकर तैयार हो चुके वाईएसआरसीपी के केंद्रीय कार्यालय को बुलडोजर से गिरा दिया। उच्च न्यायालय के आदेशों की अनदेखी की गई। राज्य में कानून और न्याय पूरी तरह से गायब हो गए हैं।
उन्होंने कहा, चुनाव के बाद हो रही हिंसक घटनाओं से खून-खराबा मचाने वाले चंद्रबाबू ने इस घटना के ज़रिए एक हिंसक संदेश दिया है कि इन पांच सालों में सरकार कैसी रहने वाली है। इन धमकियों और हिंसा के इन कृत्यों से वाईएसआरसीपी न तो झुकेगी और न ही पीछे हटेगी। हम लोगों की ओर से, लोगों के लिए और लोगों के साथ मिलकर कड़ा संघर्ष करेंगे।

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