अब सिर्फ 21 दिन में आपकी शिकायतों को निपटाएगी सरकार? आपको लगता है ऐसा हो पाएगा
नई दिल्ली। नए नियम, नई व्यवस्था। देश के नागरिकों की शिकायतों का निस्तारण सिर्फ 21 दिन के भीतर किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी विभागों को यह आदेश-निर्देश जारी कर दिए हैं। लोगों की शिकायतों को 21 दिन के अंदर निपटाना है। बता दें, पूर्व में सरकारी विभागों को शिकायतों के निस्तारण के लिए 60 दिन का समय निर्धारित था। सभी मंत्रालयों के सचिवों ने संबंधित विभागों और एचओडी को आदेश भेज दिया गया है।
जन शिकायत के समाधान के लिए 2020 में केंद्र सरकार ने समय सीमा घटाकर 45 दिन और 2022 में 30 दिन कर दी। 21 दिन की नई समय सीमा के साथ अब समय सीमा 10 साल पहले की तुलना में लगभग एक तिहाई रह गई है। केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस ) पर सरकार को हर साल 30 लाख से अधिक जन शिकायतें प्राप्त होती हैं। इस वर्ष अब तक केंद्र औसतन 13 दिनों में शिकायतों का निपटारा कर रहा है। जुलाई 2024 में केंद्रीय सचिवालय में लगातार 25वें महीने, मासिक निपटान एक लाख मामलों को पार कर गया। इससे लंबित मामलों में कमी आई है। सरकार के दावे के अनुसार, केंद्रीय सचिवालय में लंबित शिकायतों की संख्या घटकर 66,060 रह गई है। इनमें से 69% शिकायतें 30 दिनों से कम समय से लंबित हैं।
शिकायतों का निवारण सरकार के समग्र दृष्टिकोण के तहत किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि किसी भी मामले में शिकायत को यह कहकर बंद नहीं किया जाएगा कि यह इस मंत्रालय/विभाग/कार्यालय से संबंधित नहीं है।’ यदि शिकायत का विषय प्राप्त करने वाले मंत्रालय से संबंधित नहीं है, तो उसे सही प्राधिकारी को हस्तांतरित करने का प्रयास किया जाएगा। नए निर्देशों के अनुसार, यदि किसी शिकायत के लिए अतिरिक्त दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं हैं, तो कोई भी शिकायत बंद नहीं की जाएगी। सीपीजीआरएएमएस पर शिकायत अधिकारी नागरिकों से संपर्क कर सकते हैं और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त कागजात प्राप्त कर सकते हैं।
सरकार ने प्रत्येक मंत्रालय में एक डेडिकेटेड शिकायत प्रकोष्ठ स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, स्वतंत्र प्रभार वाले एक समर्पित नोडल अधिकारी को भी नियुक्त किया जाएगा ताकि शिकायतों का समय पर और गुणवत्तापूर्ण निपटारा सुनिश्चित किया जा सके। जब किसी शिकायत का समाधान हो जाता है, तो नागरिक को एसएमएस/ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा। यदि नागरिक समाधान से संतुष्ट नहीं हैं, तो वे पोर्टल पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं और अपील भी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, डीएआरपीजी ने शिकायतों के निपटान पर नागरिक प्रतिक्रिया का सर्वेक्षण करने के लिए एक कॉल सेंटर भी स्थापित किया है।