प्रयागराज में महाकुंभ स्नान के लिए क्यों नहीं गए राहुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा ने बताया कारण

नई दिल्‍ली, महाकुंभ मेला 45 दिनों का एक धार्मिक आयोजन था। यह उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संपन्न हुआ। यह आयोजन 12 वर्षों के बाद हुआ और 26 फरवरी को समाप्त हुआ।

राहुल गांधी महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज क्यों नहीं गए? रॉबर्ट वाड्रा ने बताया

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में अमेठी के सांसद राहुल गांधी के न जाने के फैसले का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि उनका परिवार धार्मिक आयोजनों का सार्वजनिक प्रदर्शन करने में विश्वास नहीं करता और राहुल गांधी जैसे सांसदों का ऐसे आयोजनों में भाग लेना श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का कारण बन सकता था।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में वाड्रा ने कहा, “अगर हम महाकुंभ में जाते तो वहां वीआईपी व्यवस्थाओं के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी हो सकती थी। हम कभी भी वहां जा सकते हैं। हम कुछ भी सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए नहीं करते। हमें यह दिखाने की जरूरत नहीं है कि हम कितने सेक्युलर हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “मेरा मानना है कि हमें धार्मिक क्रियाओं में सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए भाग नहीं लेना चाहिए और न ही शो ऑफ की राजनीति में शामिल होना चाहिए। इसलिए, मुझे विश्वास है कि राहुल गांधी सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए धार्मिक यात्रा नहीं करते। वे जब चाहें किसी भी पवित्र स्थल पर जा सकते हैं और इसका कोई परेशानी भी नहीं होनी चाहिए।”

महाकुंभ मेला 45 दिनों का एक धार्मिक आयोजन था। यह उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संपन्न हुआ। यह आयोजन 12 वर्षों के बाद हुआ और 26 फरवरी को समाप्त हुआ। सरकारी आंकड़े के मुताबिक, 66 करोड़ से अधिक लोगों ने पवित्र पानी में डुबकी लगाई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई बड़े नेता और विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों ने भी स्नान किया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को महाकुंभ मेला में न जाने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। भाजपा नेता अमित मालवीय ने तंज कसते हुए कहा, “देश के विभिन्न हिस्सों और दुनिया भर से 66 करोड़ से अधिक लोग इस महान धार्मिक उत्सव में शामिल हुए, लेकिन कांग्रेस के ‘वंशज’ राहुल गांधी ने महाकुंभ में भाग नहीं लिया। यह स्वाभाविक है कि एक ईसाई मां और पारसी पिता के बेटे के लिए इस प्राचीन हिन्दू उत्सव में विश्वास नहीं होना चाहिए। राहुल गांधी ने तो रामलला मंदिर भी नहीं गए।”