प्राइमरी मार्केट के लिए रिकॉर्डतोड़ महीना बनेगा सितंबर, आईपीओ के जरिये 28 कंपनियों की होगी एंट्री

नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार (Domestic stock market) के प्राइमरी मार्केट (Primary Market) में सितंबर (September) का महीना एक रिकॉर्ड तोड़ महीना (record breaking month) साबित होने जा रहा है। इस महीने आईपीओ लॉन्चिंग के मामले में जोरदार तेजी आई है। शेयर बाजार के मेनबोर्ड और एसएमई सेगमेंट में इस महीने कुल 28 कंपनियां एंट्री करने जा रही हैं, जो पिछले 14 साल का एक रिकॉर्ड है। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के सितंबर बुलेटिन में इस बात की जानकारी दी गई है।

बुलेटिन में बताया गया है कि प्राइमरी मार्केट में आईपीओ की गतिविधियों में आई तेजी की सबसे बड़ी वजह स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एसएमई) प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होने वाले कंपनियों में निवेशकों की दिलचस्पी का बढ़ना है। घरेलू म्युचुअल फंड कंपनियां भी इसमें बड़ी भागीदारी कर रही हैं, जिसके कारण सब्सक्रिप्शन रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है। बुलेटिन में ये भी बताया गया है कि निवेशकों को अलॉट किए गए शेयरों का 54 प्रतिशत हिस्सा आईपीओ की लिस्टिंग के एक हफ्ते के अंदर ही बिक गया। ये बात बाजार के बेहतर माहौल की ओर इशारा करती है।

रिजर्व बैंक के बुलेटिन में बताया गया है कि प्राइमरी मार्केट में आईपीओ लॉन्चिंग की संख्या बढ़ने से प्राइमरी मार्केट की हलचल तो बढ़ी ही है, बाजार में पहले से लिस्टेड कंपनियां वर्किंग कैपिटल जुटाने के लिए क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) का विकल्प भी चुन रही हैं। इस साल जनवरी से अगस्त के दौरान 8 महीने में क्यूआईपी के जरिए 60 हजार करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई जा चुकी है‌।

आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय बाजार में ग्लोबल फंड्स की भी रुचि बढ़ी है और मई के बाद उन्होंने भारतीय डेट मार्केट में लगातार पैसे लगाए हैं। इसके साथ ही घरेलू शेयर बाजार के सूचकांकों में लगातार तेजी बनी हुई है। मार्केट आउटलुक भी बुलिश बना हुआ है, जिसकी वजह से घरेलू शेयर बाजार के प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों मार्केट की स्थिति बेहतर बनी हुई नजर आ रही है। इसका असर बड़ी कंपनियों के साथ ही छोटी और मझोली कंपनियों के आईपीओ के जरिये प्राइमरी मार्केट में उतरने के रूप में नजर भी आ रहा है।