Uttarakhand: चमोली के नंदानगर में खौफ में जी रहे लोग… भू-धंसाव से घरों में पड़ी दरारें

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गोपेश्वर। उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली जिले (Chamoli District) के नंदानगर (Nandanagar) में‌ भू-धंसाव (Land subsidence) से कई लोगों के घर और दुकानें खतरे की जद में आ गयी हैं । कई घरों में मलबा घुस गया है। जमीन पर पड़ रही दरारें लगातार चौड़ी होती जा रही हैं। लोग अपने घर और दुकानें छोड़ने को विवश हैं। करीब 70 परिवारों ने अपने घर छोड़ दिए हैं और राहत शिविरों (Relief camps) का रुख कर रहे हैं। उधर, दूसरी तरफ स्थानीय लोग प्रभावित लोगों की शिफ्टिंग में मदद कर रहे हैं।

स्थानीय लोग एक जुट होकर प्रभावितों के घरों और दुकानों का सामान बचाने में सहायता कर रहे हैं। प्रभावितों को‌ अकेला नहीं छोड़ा।‌ उनका दर्द अपना दर्द समझ कर रविवार को नन्दानगर की जनता ने शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया।‌ पूर्व प्रधान माहेश्वरी देवी, सामाजिक कार्यकर्ता सुखवीर रौतेला, विजय मेंदोली ने बताया कि नन्दानगर की जनता ने मिलकर प्रभावितों का दुख दर्द बांटा। प्रभावितों के‌ ध्वस्त मकानों में दबे घर गृहस्थी के सामान को बचाने में आगे आये। नंदानगर में भू-धंसाव ने फिर विस्तार लिया है। शनिवार और रविवार को एक बार नन्दानगर की कुंवर कॉलोनी और लक्ष्मी मार्केट में व्यापक स्तर पर जमीन दरकी।

सुरक्षा और सतर्कता को देखते हुए प्रशासन ने यहां कुंवर कॉलोनी में रह रहे सभी लोगों को अन्य शिफ्ट कर दिया गया है। नन्दानगर में जमीन खिसकने और बड़े स्तर पर लोगों के प्रभावित होने पर उनका ढांढस बनाने और दर्द समझने के लिए रविवार को स्थानीय विधायक भूपाल राम टम्टा और नव निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष दौलत सिंह बिष्ट नन्दानगर में प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे। उन्होंने प्रभावितों से मुलाकात कर संकट की‌‌ इस घड़ी में हर सम्भव सहायता और साथ रहने की बात कही। विधायक भूपाल राम टम्टा ने प्रभावित लोगों को कहा कि सरकार संकट की इस घड़ी में प्रभावितों के साथ है। कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह रावत ने‌ नन्दानगर आपदा में प्रभावित सभी लोगों को सुरक्षित‌ स्थान पर शीघ्र विस्थापन की मांग सरकार से की है। जोशीमठ भू धंसाव से प्रभावित लोगों और व्यापारियों को जिस‌ तरह मुआवजा‌ दिया गया, उसी तरह प्रभावितों को सही मुआवजा देने की मांग की‌‌‌‌‌‌ है।

प्रभावितों से मिले विधायक
थराली विधायक भूपाल राम टम्टा द्वारा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। सभी को यथा संभव सहयोग की बात कही। रविवार को फिर से भू धंसाव की घटना पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के देरी से पहुंचने पर स्थानीय लोगों में आक्रोश रहा। भू-धंसाव से कुंवर कॉलोनी और लक्ष्मी मार्केट खतरे की जद में आ गया है। भू धंसाव को लेकर लगभग 30 दुकानों को खाली करा दिया गया है। लगभग 70 परिवारों को अन्यत्र शिपट किया।

स्थानीय लोगों से बात कर इस आपदा को समझने का प्रयास किया है। नंदानगर में कुछ नाले हैं। वहां पर मिट्टी काफी गीली हो चुकी है। पिछले दो दिनों से वहां काफी पानी बरसा है। इससे जमीन घरों के पास धंसने लगी है। नीचे नदी है ऊपर से भी पानी आ रहा है। नालों की जगह चैनलाइज करने की जरूरत है। कारणों का पता विस्तार से तभी चलेगा जब वहां का फील्ड विजिट किया जाए। बिना उसके इससे अधिक कह पाना संभव नहीं।

भवनों पर दरारें पड़ने से लोगों को भविष्य की चिंता
नंदानगर में भू धंसाव से रविवार को पुष्पा देवी का‌ घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। घर का सामान समेटते हुये पुष्पा देवी ने कहा अब क्य हो लु! कख जाण पड़लू। आपदा से गोविन्द सिंह का आवास पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। ‌सब आपदा में ध्वस्त हो गया। पार्वती देवी का दर्द भी इसी तरह है। ‌भू धंसाव की घटना में‌ सुरेन्द्र सिंह, विक्रम सिंह, गौरी देवी, चन्द्र सिंह, बाग सिंह, भवान सिंह के आवास भी क्षतिग्रस्त हो गये हैं। लोग भविष्य को लेकर चिंतित हैं।