दिल्ली में केजरीवाल को जीतने नहीं देंगे, सोमनाथ भारती के आरोपों पर कांग्रेस नेता का पलटवार
नई दिल्ली। इधर दोनों दलों के नेताओं में राजधानी दिल्ली में दंगल छिड़ा है और उधर हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन की संभावनाएं तलाश रहे हैं, दिल्ली में कांग्रेस नेता जितेंद्र कोचर ने कहा है कि उनकी पार्टी अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में किसी कीमत पर जीतने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि अगले दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस उनके साथ कोई समझौता नहीं करेगी और अकेले दम पर चुनाव में उतरेगी। कांग्रेस नेता की यह नाराजगी आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती के उन आरोपों के बाद सामने आई जिसमें उन्होंने जितेंद्र कोचर पर लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया था।
जितेंद्र कोचर ने एक इंटरव्यू में कहा कि लोकसभा चुनावों के दौरान आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस नेताओं का बिलकुल साथ नहीं दिया जिसके कारण दोनों दलों को अच्छे परिणाम नहीं मिले। लेकिन उससे सबक सीखते हुए अब कांग्रेस को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से किसी कीमत पर समझौता नहीं करना चाहिए। कोचर ने कहा कि चुनाव में हार-जीत होती रहती है। चुनावी राजनीति में जीत के साथ-साथ हार पचाने की कला भी नेताओं को आनी चाहिए, लेकिन जिस तरह सोमनाथ भारती ने अपनी हार का ठीकरा कांग्रेस के ऊपर फोड़ा है, उससे समझ आता है कि उन्हें राजनीति का ककहरा भी नहीं आता।
उन्होंने कहा कि यदि आज आम आदमी पार्टी के नेता लगातार उनकी पार्टी छोड़कर भाजपा और कांग्रेस में जा रहे हैं तो उससे केजरीवाल को सबक सीखना चाहिए। दूसरे के ऊपर दोषारोपण करने से किसी का कोई भला नहीं होने वाला। हरियाणा में कांग्रेस को आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहिए पर दिल्ली कांग्रेस में मीडिया प्रमुख सहित कई प्रमुख भूमिकाएं निभा चुके जितेंद्र कोचर ने कहा कि यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और हरियाणा कांग्रेस के नेताओं को विचार करना चाहिए, लेकिन दिल्ली में अब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की कोई संभावना नहीं बन सकती।
बता दें, सोमनाथ भारती ने देर रात एक ट्वीट कर अपनी हार के लिए कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता अजय माकन ने लोकसभा चुनाव के दौरान उनसे मिलने तक के लिए इनकार कर दिया था। उनके चुनाव क्षेत्र नई दिल्ली में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या मल्लिकार्जुन खरगे की एक सभा तक नहीं होने दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों का साथ तक नहीं दिया जिससे लोकसभा चुनावों में कांग्रेस-आप गठबंधन की करारी हार हुई। दिल्ली में लोकसभा चुनाव के दौरान भी कई कांग्रेस नेता आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थे। यहां तक कि तत्कालीन दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने गठबंधन से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया और भाजपा की सदस्यता ले ली।