44 अमेरिकी सांसदों ने विदेश मंत्री को लिखी चिट्ठी, पाकिस्तान में लोकतंत्र पर चिंता जताई

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नई दिल्ली। अमेरिकी संसद के 44 सांसदों ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो को पत्र लिखकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ आसिम मुनीर पर तुरंत प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है। सांसदों का आरोप है कि पाकिस्तान में सेना सरकार चला रही है और आम नागरिकों के अधिकारों का बड़े पैमाने पर हनन हो रहा है। विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिकों को भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने पर धमकियां मिल रही हैं। पत्र का नेतृत्व डेमोक्रेटिक सांसद प्रमिला जयपाल और ग्रेग कासर ने किया। उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान में तानाशाही बढ़ रही है। पत्रकारों को धमकाया जा रहा है, अगवा किया जा रहा है या देश छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है।

प्रमुख घटनाएँ

वर्जीनिया के जर्नलिस्ट अहमद नूरानी के दोनों भाइयों को पाकिस्तान में एक महीने से अधिक समय तक अगवा रखा गया। मशहूर संगीतकार सलमान अहमद के जीजा का अपहरण हुआ, जिन्हें अमेरिकी हस्तक्षेप के बाद छोड़ा गया। विपक्षी नेताओं को बिना आरोप जेल में डाला जा रहा है। आम नागरिकों को सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट पर गिरफ्तार किया जा रहा है। महिलाओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों और बलूचिस्तान के लोगों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं।

2024 के चुनाव और धांधली

सांसदों ने 2024 के आम चुनावों में भारी धांधली का जिक्र किया। स्वतंत्र संस्था की ‘पट्टन रिपोर्ट’ और अमेरिकी विदेश विभाग ने गड़बड़ी की पुष्टि की थी। पत्र में कहा गया कि चुनावों के जरिए सिर्फ एक कठपुतली सरकार बनाई गई है, जिसे वास्तव में सेना चलाती है। सेना के दबाव में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया कि आम नागरिकों के केस भी सैन्य अदालतों में चल सकते हैं।

संभावित अमेरिकी प्रतिबंध

वीजा बैन: अमेरिका में यात्रा पर पूर्ण रोक। संपत्ति जब्ती: अमेरिका या अमेरिकी प्रभाव वाले देशों में बैंक खाते और लेन-देन रोक ग्लोबल मैग्निट्सकी एक्ट के तहत। अमेरिकी–पाकिस्तानी उच्चस्तरीय बैठकें  आसिम मुनीर 2025 में दो बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिले। सितंबर में शहबाज और मुनीर ने ट्रम्प से लगभग 1 घंटा 20 मिनट की बैठक की।

इमरान खान और राजनीतिक कैदी

अमेरिकी सांसदों ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और अन्य राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की। इमरान के परिवार को 27 दिन तक उनसे मिलने की अनुमति नहीं मिली; 2 दिसंबर को मिलने की इजाजत मिली। 27वां संवैधानिक संशोधन और सेना का प्रभाव 12 नवंबर को पास हुए 27वें संशोधन से सेना की ताकत बढ़ी और कोर्ट के अधिकार कम हुए।  फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को CDF बनाए जाने की योजना थी लेकिन अभी तक पद खाली है।पीएम शहबाज शरीफ ने नोटिफिकेशन पर साइन नहीं किया; इस बीच वे बहरीन और लंदन यात्रा पर गए।