अबू धाबी में भारतीय मूल के एक डॉक्टर के नाम पर रखा गया सड़क का नाम, जानें क्यों मिला सम्मान

अबू धाबी । संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी भारतीयों के लिए काफी खास बनता जा रहा है। यहां पहले सबसे बड़ा हिंदू मंदिर बना और अब भारतीय मूल के 84 वर्षीय डॉक्टर के नाम पर एक सड़क का नाम रखा गया है। बता दें, यह कदम डॉक्टर को श्रद्धांजलि देने के लिए उठाया गया है।

डॉक्टर जॉर्ज मैथ्यू के नाम पर रखा
नगरपालिकाओं और परिवहन विभाग (डीएमटी) ने अबू धाबी में एक सड़क का नाम डॉक्टर जॉर्ज मैथ्यू के नाम पर रखा है। यह यूएई के दूरदर्शी लोगों का सम्मान स्मारक सड़कें परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य उन शख्सियतों को सम्मानित करना हैं, जिन्होंने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

मेरी कोशिशों को सराहा
अल मफराक में शेख शकबूथ मेडिकल सिटी के पास वाली सड़क को अब जॉर्ज मैथ्यू स्ट्रीट के नाम से जाना जाएगा। अपने जीवन के बारे में बात करते हुए मैथ्यू ने कहा, ‘जब मैं पहली बार संयुक्त अरब अमीरात पहुंचा तब भी बुनियादी ढांचा विकसित हो रहा था। राष्ट्रपिता स्वर्गीय एचएच शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान से प्रेरित होकर मैंने लोगों की मदद करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। मैं बहुत आभारी हूं कि मेरी कोशिशों को आपने सराहा।’

कौन हैं डॉक्टर मैथ्यू?
डॉक्टर मैथ्यू 1967 में पहली बार यूएई पहुंचे थे। तब उनकी उम्र महज 26 साल थी। शुरू में उन्होंने अमेरिका जाने का मन बनाया था, लेकिन एक मिशनरी मित्र ने अल ऐन की सुंदरता को बताकर उन्हें यहां रुकने के लिए राजी कर लिया था। अल ऐन के पहले सरकारी डॉक्टर के रूप में एक पद के लिए उन्होंने आवेदन किया, जिसे स्वीकार कर लिया था। उसके बाद उन्होंने पहला क्लिनिक खोला गया।

डॉ मैथ्यू ने एक जनरल प्रैक्टिशनर के रूप में अपनी सेवा शुरू की। उन्हें लोगों ने प्यार से मैटियस (मैथ्यू का अमीराती उच्चारण) कहना शुरू कर दिया। मैथ्यू ने संयुक्त अरब अमीरात में आधुनिक चिकित्सा के विकास में योगदान दिया।

उन्होंने 1972 में अल ऐन क्षेत्र के चिकित्सा निदेशक और 2001 में स्वास्थ्य प्राधिकरण सलाहकार सहित कई प्रमुख पदों पर कार्य किया। उनके योगदान ने अमीरात में स्वास्थ्य सेवाओं को काफी उन्नत किया और देश में एक आधुनिक चिकित्सा संस्कृति को बढ़ावा दिया।

डॉ मैथ्यू ट्रॉपिकल रोगों के समाधान का अध्ययन करने के लिए इंग्लैंड गए और बाद में विशेष अध्ययन के लिए हार्वर्ड गए। शिक्षा और व्यावसायिक विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता संयुक्त अरब अमीरात के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को शिक्षित और प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे उन्हें अपने सहयोगियों और समुदाय का विश्वास मिला।