अमेरिका: राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे जो बाइडेन, आगे क्या होगा?

जो बाइडेन नहीं लड़ेंगे अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव, चिट्ठी लिखकर कहा- देश  और पार्टी के हित में लिया फैसला - Joe Biden will not contest presidential  elections announced ...

नई दिल्‍ली । राष्ट्रपति बाइडेन ने घोषणा की है कि वह राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे. अब डेमोक्रैट्स अपना उम्मीदवार कैसे नामित करेंगे? ब्रोकेड कन्वेंशन क्या है? ऐसी सारी जानकारी, यहां.आलोचनाओं को खारिज करते आए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 21 जुलाई को घोषणा कर ही दी कि वे वास्तव में फिर से चुनाव नहीं लड़ेंगे. बाइडेन और संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप के बीच 27 जून को हुई पहली सार्वजनिक बहस में उनके खराब प्रदर्शन के बाद डेमोक्रैटिक पार्टी के कई नेता उनपर चुनावी मुकाबले से हटने का दबाव बना रहे थे. 21 जुलाई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए एक बयान में बाइडेन ने कहा, “आपके राष्ट्रपति के रूप में सेवा करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है. मेरा इरादा फिर से चुनाव लड़ने का रहा है, लेकिन मेरा मानना ​​है कि यह मेरी पार्टी और देश के सर्वोत्तम हित में है कि मैं इस दौड़ से हट जाऊं” बाइडेन के पीछे हटने के बाद डेमोक्रैटिक पार्टी को राष्ट्रपति पद के लिए नया उम्मीदवार ढूंढना होगा. 5 नवंबर को होने वाले चुनाव से ठीक चार महीने पहले यह काम करना होगा, जानिए यह सब कैसे होगा. डेमोक्रैटिक पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में क्या होता है? इस साल की शुरूआत में पूरे देश में अमेरिकी मतदाताओं ने प्राइमरी में भाग लिया, यह वह प्रक्रिया है जिसके जरिए प्रत्येक राज्य में डेमोक्रैट्स और रिपब्लिकंस यह चुनते हैं कि वे 5 नवंबर को अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व किससे करवाना चाहते हैं. प्रत्येक राज्य में सबसे ज्यादा वोट पाने वाला व्यक्ति उस राज्य के सभी प्रतिनिधि जीत जाता है. प्रत्येक राज्य में कितने प्रतिनिधि होंगे यह उसकी जनसंख्या पर निर्भर करता है.

जीते गए प्रतिनिधि अब उनके प्रति वचनबद्ध नहीं

उदाहरण के लिए कैलिफोर्निया में जीतने पर आपको वैर्मोंट में जीतने से ज्यादा प्रतिनिधि मिलेंगे. अगस्त में डेमोक्रैटिक नेशनल कन्वेंशन अगस्त में डेमोक्रैटिक पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में डेमोक्रैट्स के प्रतिनिधि इकट्ठा होकर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए मतदान करेंगे. प्राइमरी में बाइडेन ने बहुत ज्यादा संख्या में डेलिगेट्स जीते – लगभग 3,900, जिनमें से केवल 40 डेलिगेट्स ही अप्रतिबद्ध रहे या ऐसे प्राइमरी उम्मीदवारों के पास गए जिनके पास कोई मौका नहीं था. डेमोक्रैटिक पार्टी के नियमों के मुताबिक उन 3,900 डेलिगेट्स को आम तौर पर बाइडेन को वोट देने के लिए बाध्य होना चाहिए. लेकिन अब जबकि बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी वापस ले ली है, तो उनके द्वारा जीते गए प्रतिनिधि अब उनके प्रति वचनबद्ध नहीं हैं. वे खुले सम्मेलन में जिसे चाहें, उसे वोट दे सकते हैं. जो बाइडेन और डॉनल्ड ट्रंप के बीच तीखी बहस अधिवेशन में क्या होने वाला है? 19 से 22 अगस्त तक शिकागो में होने वाले डेमोक्रैटिक नेशनल कन्वेंशन से पहले डेमोक्रैटिक नेतृत्व जल्द से जल्द एक ऐसे उम्मीदवार को ढूंढने की कोशिश करेगा, जिसके नाम पर पार्टी एकजुट हो सके. लक्ष्य एक ऐसे उम्मीदवार को चुनना है जो नवंबर के मतदान में व्यापक विचारधारा वाले ज्यादा से ज्यादा डेमोक्रैट मतदाताओं को आकर्षित कर सके. अगर डेमोक्रैट उम्मीदवार पर्याप्त संख्या में अमेरिकियों को मतदान के लिए प्रेरित कर पाता है, तभी पार्टी डॉनल्ड ट्रंप को हराने में सफल हो सकती है.

केवल 600 प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर जुटाने होंगे

पार्टी नेतृत्व द्वारा स्वीकृत उम्मीदवार और उनके साथी अगस्त में शिकागो में प्रतिनिधियों के वोट के लिए मुकाबला करेंगे, लेकिन कोई अन्य व्यक्ति भी ऐसा कर सकता है – यही एक खुला सम्मेलन होगा, अगर किसी को लगता है कि वे नेतृत्व द्वारा चुने गए उम्मीदवार से बेहतर राष्ट्रपति बन सकते हैं, तो वे प्रतिनिधियों को जीतने की कोशिश भी कर सकते हैं, जो कोई भी चुनाव लड़ना चाहता है, उसे केवल 600 प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर जुटाने होंगे. जैसे उपराष्ट्रपति कमला हैरिस नए राष्ट्रपति पद की संभावित उम्मीदवार हैं लेकिन वे सिर्फ इसलिए बाइडेन से उम्मीदवारी नहीं ले पाएंगी क्योंकि वे उनकी उपराष्ट्रपति हैं. जब कोई राष्ट्रपति पद पर रहते हुए अक्षम हो जाता है, तो उपराष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभाल लेता है. लेकिन जब राष्ट्रपति ने फिर से चुनाव न लड़ने का फैसला किया हो, तो उम्मीदवार बनने के मामले में ऐसा नहीं है. समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक वर्तमान में कुल 3,939 प्रतिबद्ध प्रतिनिधि हैं. वे सभी पहले दौर में मतदान करते हैं. अगर किसी एक उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिलते हैं, तो वह 5 नवंबर को होने वाले आम चुनाव में अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी का सामना करने वाला नया डेमोक्रैटिक चैंपियन होगा. बन सकती है 'मध्यस्थता सम्मेलन' की स्थिति अगर पहले चरण में कोई भी उम्मीदवार 50 प्रतिशत से अधिक वोट नहीं जीत पाता है, तो यह घटना मध्यस्थ सम्मेलन के रूप में जानी जाएगी. अब इस स्थिति में डेमोक्रैटिक नेतृत्व, पार्टी के शक्तिशाली व्यक्ति और संभावित उम्मीदवार खुद प्रतिनिधियों से बात कर उन्हें अपने पक्ष में करने की कोशिश करेंगे. इस बिंदु पर नए गठबंधन बनने की संभावना है.

डेमोक्रैटिक उम्मीदवार के रूप में जो बाइडेन की जगह कौन लेगा..

उदाहरण के  लिए जब कोई उम्मीदवार अपने प्रतिद्वंद्वी को यह समझाने का प्रयास करता है कि वह उसके खिलाफ चुनाव लड़ने के बजाय उसका साथी बन जाए. डेमोक्रैट्स ने आखिरी बार 1952 में मध्यस्थता सम्मेलन आयोजित किया था. अब और अधिक मतदान होगा और अब, एक समूह जिसे पहले चरण में भाग लेने की अनुमति नहीं थी, उसे भी मतदान का मौका मिलेगा, जिनमें सुपरडेलीगेट्स या अनबाउंड डेलीगेट्स शामिल होंगे. अमेरिकी राजनीति के लिए एक ऑनलाइन विश्वज्ञानकोश बैलटपीडिया के मुताबिक, ऐसे 739 नाम हैं, जिन्हें प्राथमिक प्रक्रिया के माध्यम से किसी एक उम्मीदवार के लिए प्रतिबद्ध नहीं किया गया है. इसके बजाय वे डेमोक्रैटिक नेशनल कमेटी (पार्टी का नेतृत्व), कांग्रेस के सदस्य, गवर्नर और प्रतिष्ठित पार्टी नेताओं के निर्वाचित सदस्य हैं. वे कभी भी किसी उम्मीदवार से बंधे नहीं होते हैं और दूसरे चरण में वे जिसे चाहें उसे वोट दे सकते हैं. मतदान तब तक जारी रहेगा जब तक कि कोई एक उम्मीदवार सभी प्रतिनिधियों के 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल नहीं कर लेता, चाहे इसके लिए कितने भी दौर का मतदान क्यों ना हों. मतदान के आखिर तक, हमें पता चल जाएगा कि 2024 के चुनावों में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रैटिक उम्मीदवार के रूप में जो बाइडेन की जगह कौन लेगा..