बांग्लादेश में उथल-पुथल के बीच अब चीफ जस्टिस भी देंगे इस्तीफा, शेख हसीना के हैं करीबी

नई दिल्‍ली । बांग्लादेश के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन ने आखिरकार प्रदर्शनकारियों के अल्टीमेटम के बाद इस्तीफा देने का फैसला किया है। बांग्लादेश की कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीफ जस्टिस शनिवार शाम को अपना इस्तीफा सौंपने वाले हैं। ओबैदुल हसन को पिछले वर्ष बांग्लादेश का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था। हसन को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का करीबी भी माना जाता है।

बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच देश के मुख्य न्यायाधीश के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। शनिवार को ढाका में हाई कोर्ट बिल्डिंग के सामने सैकड़ों प्रदर्शनकारी एकत्र हुए, उन्होंने चीफ जस्टिस समेत सात जजों के इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण धरने पर बैठे हुए थे और उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे इस आंदोलन को जारी रखेंगे। इस बीच सुरक्षा को देखते हुए हाई कोर्ट परिसर में बांग्लादेश सेना के जवानों को तैनात किया गया।

प्रदर्शनकारियों के हाथों में बांग्लादेश का राष्ट्रीय ध्वज था और वे जोर-शोर से अपनी मांगों को लेकर अडिग दिखे। बांग्लादेशी मीडिया प्रोथोम एलो के अनुसार, इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व आसिफ महमूद साजिब कर रहे थे, जो नवगठित अंतरिम सरकार के सलाहकारों में से एक हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी साझा करते हुए बताया कि प्रदर्शनकारियों की मांगें मुख्य न्यायाधीश समेत सात जजों के इस्तीफे को लेकर हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिला अदालतों का इस आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है और प्रदर्शनकारियों से अनुरोध किया कि वे जिला अदालतों के सामने धरना न दें।

शनिवार को बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के दोनों डिवीजनों के न्यायाधीशों के साथ एक पूर्ण अदालत की बैठक बुलाई गई थी लेकिन यह बैठक अचानक रद्द कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अजीज अहमद ने इस बैठक के रद्द होने की पुष्टि की, लेकिन उन्होंने इसके पीछे का कारण नहीं बताया। आसिफ महमूद साजिब ने सोशल मीडिया पर बैठक रद्द होने के बाद कहा कि वे मुख्य न्यायाधीश के तत्काल इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जन आंदोलन की मांगों का सम्मान किया जाना चाहिए। इस पूरे घटनाक्रम ने बांग्लादेश के न्यायिक और राजनीतिक क्षेत्रों में हलचल मचा दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में बांग्लादेश की दशा किस ओर रुख कर रही है।