भारतीय हथियार और गोला-बारूद यूरोप के जरिए यूक्रेन पहुंचा, रिपोर्ट में दावा- रूस खफा

कीव । रूस और यूक्रेन में जंग शुरू हुए लगभग तीन साल का समय बीत चुका है और यह संघर्ष अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच अब इस जंग को लेकर हैरान करने वाले दावे सामने आए हैं। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि भारतीय हथियार निर्माताओं द्वारा बेचे जाने वाले तोप के गोले यूरोप के जरिए यूक्रेन पहुंच गए हैं। रूस के विरोध के बावजूद भारत ने इस खरीद बिक्री को रोकने के लिए अब तक कोई हस्तक्षेप नहीं किया है। कई भारतीय और यूरोपीय अधिकारियों के साथ-साथ सीमा शुल्क डेटा के मुताबिक रूस के खिलाफ यूक्रेन के हमलों के लिए गोला-बारूद का यह निर्यात एक साल से भी ज्यादा समय से हो रहा है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पोक्रोवस्क में रूसी आक्रमण को रोकने के लिए संघर्ष कर रहे यूक्रेन में गोला-बारूद की भारी कमी है।

रूस ने कम से कम दो मौकों पर इस मुद्दे को उठाया

गौरतलब है कि हथियारों के निर्यात को लेकर भारतीय नियमों के तहत हथियारों इस्तेमाल सिर्फ खरीददार ही कर सकते हैं। भारतीय अधिकारियों ने बताया है कि रूस ने कम से कम दो मौकों पर इस मुद्दे को उठाया है। जुलाई में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और उनके भारतीय समकक्ष के बीच हुई बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया था। रॉयटर्स की इस रिपोर्ट के जरिए पहली बार गोला-बारूद के इस खरीद बिक्री का विवरण पता चला है। यूक्रेन को भारतीय गोला-बारूद भेजने वाले यूरोपीय देशों में इटली और चेक गणराज्य शामिल हैं। यह देश यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने की पहल का नेतृत्व कर रहे हैं।

भारत ने यूक्रेन को हथियार नहीं भेजे: विदेश मंत्रालय

वहीं रूस और भारत के विदेश और रक्षा मंत्रालयों ने इस से जुड़े सवालों के जवाब नहीं दिए। इससे पहले जनवरी में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भारत ने यूक्रेन को हथियार नहीं भेजे हैं और ना ही बेचे हैं। सूत्रों के मुताबिक यूक्रेन ने भारत में बने हुए हथियारों का बहुत कम मात्रा में इस्तेमाल किया है। एक अधिकारी ने अनुमान लगाया कि यह जंग के बाद से यूक्रेन द्वारा आयात किए गए कुल हथियारों का 1% से भी कम है। हालांकि अब तक यह पता नहीं चला है गोला-बारूद को यूरोपीय ग्राहकों ने यूक्रेन को फिर से बेचा गया या दान किया है।

भारत के रूस के साथ भी अच्छे संबंध

गौरतलब है कि भारत के रूस के साथ भी अच्छे संबंध हैं जो दशकों से भारत को हथियार मुहैया करता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों के रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों में शामिल होने से इनकार कर दिया है। भारत लंबे समय से दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है। यह यूरोप में लंबे समय से चल रहे जंग को अपने हथियार निर्यात क्षेत्र को मजबूत करने के मौके के रूप में भी देख रहा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट थिंक-टैंक के मुताबिक भारत ने 2018 और 2023 के बीच लगभग 3 बिलियन डॉलर के हथियारों का निर्यात किया।