ऑनलाइन पेश हुए वकील पर सुप्रीम कोर्ट की जज को क्यों हुआ शक, पूछा क्या आप असली हैं

नई दिल्‍ली, इस घटना का बैकग्राउंड न्यूयॉर्क की एक हालिया खबर से जुड़ा है, जहां 74 साल के जेरोम डेवाल्ड नाम के शख्स ने अपने केस में AI से बनी अवतार का इस्तेमाल किया। वह अपने पुराने एम्प्लॉयर के खिलाफ केस लड़ रहे हैं।

क्या आप असली हैं? ऑनलाइन पेश हुए वकील पर सुप्रीम कोर्ट की जज को क्यों हुआ शक
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक अजीब वाकया पेश आया, जब जजों को वकील की मौजूदगी पर शक हुआ कि वह असली है या नहीं। यह घटना तब हुई जब वकील वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुआ। जस्टिस बीवी नागरत्ना ने अचानक पूछा, ‘क्या आप असली हैं?’ इस सवाल से कोर्ट में हल्की सी हंसी फूट पड़ी। इस बीच, वकील ने अपना जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘माई लॉर्ड, मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि मैं असली हूं।’ यह बातचीत तब और रोचक हो गई जब जस्टिस एससी शर्मा ने कहा, ‘आज खबर आई थी कि न्यूयॉर्क में एक AI जेनरेटेड इंसान कोर्ट में पेश हुआ और केस लड़ा। तो क्या आप वही हैं?’

दरअसल, इस घटना का बैकग्राउंड न्यूयॉर्क की एक हालिया खबर से जुड़ा है, जहां 74 साल के जेरोम डेवाल्ड नाम के शख्स ने अपने केस में AI से बनी अवतार का इस्तेमाल किया। वह अपने पुराने एम्प्लॉयर के खिलाफ केस लड़ रहे हैं। उन्होंने अपील कोर्ट में AI की मदद से तर्क रखे। इस खबर ने दुनियाभर में चर्चा छेड़ दी कि क्या टेक्नोलॉजी अब कोर्टरूम तक पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट के जजों को शायद यही शक हुआ कि कहीं भारत में भी ऐसा तो नहीं हो रहा। या फिर, उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में बोला हो।

आखिर क्यों बहुत गंभीर है यह मामला
यह मामला इसलिए भी खास रहा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई अब आम हो गई है, खासकर कोविड के बाद। मगर, टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल से ऐसे सवाल उठने लगे हैं कि क्या वकील असली हैं या AI का कोई अवतार। 7 अप्रैल की सुनवाई में तो वकील ने साफ कर दिया कि वो इंसान ही हैं, कोई मशीन नहीं। कोर्ट में मौजूद लोगों के मुताबिक, यह पल थोड़ा मजाकिया था। हालांकि, यह घटना टेक्नोलॉजी और कानून के बीच बदलते रिश्ते की ओर इशारा करती है। इससे सवाल खड़ा होता है कि क्या भविष्य में AI वकील कोर्ट में दलीलें दे सकते हैं? क्या इसकी इजाजत दी जा सकती है?