पुतिन की भारत यात्रा: राष्ट्रपति भवन पहुंचे पीएम मोदी, पुतिन का होगा औपचारिक स्वागत
नई दिल्ली । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 4 दिसंबर 2025 को दो दिवसीय भारत यात्रा शुरू की। यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रही है और चार साल बाद उनकी भारत यात्रा है। इस दौरान भारत और रूस के बीच रणनीतिक और रक्षा सहयोग को बढ़ाने व्यापारिक रिश्तों को प्रगाढ़ करने और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
भारत-रूस साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ
पुतिन की यात्रा भारत और रूस के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने के मौके पर हो रही है। यह साझेदारी अक्टूबर 2000 में शुरू हुई थी और दिसंबर 2010 में इसे स्पेशल एंड प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया। इस दौरान दोनों देशों के बीच सहयोग का दायरा लगातार बढ़ा है खासकर रक्षा ऊर्जा और व्यापारिक संबंधों में।
यात्रा का मुख्य उद्देश्य
पुतिन की इस यात्रा में प्रमुख रूप से रक्षा सहयोग, व्यापारिक रिश्तों और बाहरी दबावों से दोनों देशों को बचाने पर ध्यान दिया जाएगा। भारत और रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में पुराने संबंध रहे हैं, और दोनों देशों के बीच यह सहयोग और मजबूत हो सकता है। साथ ही भारत में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच साझेदारी पर विचार हो सकता है।
शिखर सम्मेलन और RT इंडिया चैनल का शुभारंभ
5 दिसंबर को पुतिन का औपचारिक स्वागत होगा जिसके बाद 23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित होगा। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे जिनमें रक्षा ऊर्जा व्यापार और सामरिक साझेदारी से संबंधित मुद्दे शामिल होंगे।
सम्मेलन के बाद पुतिन रूस के प्रसारक रूसी टेलीविजन के नए भारतीय चैनल का शुभारंभ करेंगे। यह चैनल भारत में रूसी मीडिया की पहुंच को बढ़ाने में मदद करेगा और भारत-रूस के संबंधों को और मजबूत बनाएगा।
राजकीय भोज और भविष्य की दिशा
यात्रा के अंतिम दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पुतिन के सम्मान में एक राजकीय भोज आयोजित करेंगी। यह भोज भारत-रूस संबंधों की गहरी साझेदारी और मित्रता का प्रतीक होगा।
इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक और सामरिक साझेदारी को और मजबूत किया जाएगा। भारत और रूस के रिश्ते खासकर रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण रहे हैं और यह यात्रा इन रिश्तों को एक नए दौर में प्रवेश दिला सकती है।
भारत-रूस का सामरिक महत्व
भारत और रूस के बीच सामरिक रिश्ते बहुत मजबूत रहे हैं विशेषकर रक्षा क्षेत्र में। रूस ने हमेशा भारत को उन्नत रक्षा प्रणाली प्रदान की है जिसमें विमान मिसाइलें और अन्य तकनीकी सहयोग शामिल है। दोनों देशों के बीच ऊर्जा विज्ञान तकनीकी और शिक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ा है।
यह यात्रा भारत और रूस के रिश्तों में एक नई दिशा का संकेत देती है, जिसमें दोनों देशों के साझा हितों के साथ-साथ वैश्विक राजनीति में सामरिक समन्वय भी बढ़ेगा। पुतिन की यात्रा विशेष रूप से रक्षा और व्यापार के क्षेत्रों में भारत-रूस साझेदारी के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
