जेंडर साजिश का सामना कर रहे फ्रांसीसी राष्ट्रपति, US कोर्ट में देंगे पत्नी के महिला होने के सबूत
पेरिस। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (French President Emmanuel Macron) और उनकी पत्नी ब्रिजिट मैक्रों (Brigitte Macron) इन दिनों एक अजीब और विवादित “जेंडर साजिश” का सामना कर रहे हैं। राष्ट्रपति मैक्रों को अब अमेरिकी अदालत (American court) में अपनी पत्नी की पहचान साबित करने के लिए “वैज्ञानिक और फोटोग्राफिक सबूत” पेश करने की तैयारी करनी पड़ रही है।
मैक्रों दंपति ने अमेरिकी दक्षिणपंथी राजनीतिक कमेंटेटर और यूट्यूबर कैंडेस ओवेन्स के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। राष्ट्रपति के वकील टॉम क्लेयर ने बीबीसी के एक पॉडकास्ट में कहा कि अदालत में ब्रिजिट मैक्रों की गर्भवती होने और अपने बच्चों की परवरिश करते हुए तस्वीरें पेश की जाएंगी।
उन्होंने कहा, “ये लोग (मैक्रों दंपति) भले ही दुनिया के सबसे अहम मंच पर हैं, लेकिन वे इंसान भी हैं। उनके बारे में ऐसे झूठ फैलाना कि वे अपनी पहचान को लेकर दुनिया से साजिश कर रहे हैं, बेहद आपत्तिजनक और दुखद है। यह सोचना भी तकलीफदेह है कि उन्हें अदालत में जाकर अपनी निजी जिंदगी का सबूत देना पड़े।”
कैसे शुरू हुई अफवाहें?
ब्रिजिट मैक्रों को लेकर यह विवाद सबसे पहले 2017 में शुरू हुआ था। एक ब्लॉगर नताशा रे (या नथाली रे) ने एक यूट्यूब वीडियो में दावा किया था कि राष्ट्रपति की पत्नी दरअसल उनके भाई जॉं-मिशेल ट्रोग्नू हैं, जिन्होंने लिंग परिवर्तन (जेंडर चेंज) कर नाम बदला है।
ब्लॉगर ने 2021 में एक “स्पिरिचुअल मीडियम” अमांदीन रॉय को दिए इंटरव्यू में फिर यही दावा दोहराया। यह इंटरव्यू 2022 के फ्रांसीसी राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले वायरल हो गया था। ब्लॉगर ने एक कथित बचपन की तस्वीर भी “सबूत” के तौर पर पेश की थी, जिसमें फ्रांस की फर्स्ट लेडी के भाई का चेहरा ब्रिजिट मैक्रों से मिलता-जुलता बताया गया।
जैसे-जैसे सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैलती गई, मैक्रों दंपति ने ब्लॉगर और रॉय के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। सितंबर 2024 में दोनों को दोषी करार दिया गया, लेकिन जुलाई 2025 में पेरिस कोर्ट ऑफ अपील ने यह फैसला पलटते हुए कहा कि ये आरोप “गुड फेथ” में लगाए गए थे और कानूनी तौर पर मानहानि नहीं बनते।
कैंडेस ओवेन्स का दावा
अमेरिकी टिप्पणीकार कैंडेस ओवेन्स ने 2024 में ब्रिजिट मैक्रों के बारे में यही आरोप दोहराए और यहां तक कहा कि वह अपने “पूरे पेशेवर करियर” को इस दावे पर दांव लगाने को तैयार हैं। जुलाई 2025 में राष्ट्रपति और फर्स्ट लेडी ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया। वकील क्लेयर का कहना है कि यह कदम “आखिरी उपाय” था, क्योंकि एक साल से अधिक समय तक बातचीत और अनुरोध के बावजूद ओवेन्स ने झूठ फैलाना बंद नहीं किया।
लेकिन ओवेन्स ने इसे “स्पष्ट और हताश पब्लिक रिलेशन रणनीति” बताया और ब्रिजिट मैक्रों को “एक मजाकिया आदमी” कह डाला। ओवेन्स के यूट्यूब चैनल पर 40 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं। उन्हें 2024 में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश से रोका गया था क्योंकि उन्होंने यह कहते हुए विवाद खड़ा किया था कि नाजी डॉक्टरों ने यहूदियों पर किसी तरह के मेडिकल प्रयोग नहीं किए थे।
राष्ट्रपति और ब्रिजिट मैक्रों का रिश्ता
इमैनुएल मैक्रों (47) ने पहली बार ब्रिजिट (72) से हाईस्कूल में मुलाकात की थी, जब वे छात्र थे और ब्रिजिट उनकी टीचर थीं। उस समय ब्रिजिट शादीशुदा थीं और तीन बच्चों की मां थीं। मैक्रों अपने अंतिम स्कूली वर्ष के लिए पेरिस चले गए थे, लेकिन उन्होंने ब्रिजिट से वादा किया था कि एक दिन शादी करेंगे। ब्रिजिट ने बाद में अपने पति से तलाक लिया और 2007 में मैक्रों से विवाह किया। राष्ट्रपति मैक्रों इस समय अपने दूसरे और अंतिम कार्यकाल में हैं।
हाल का एक और विवाद
इस साल की शुरुआत में ब्रिजिट मैक्रों का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें उन्हें कथित तौर पर राष्ट्रपति का चेहरे पर धक्का देते हुए दिखाया गया। यह घटना विमान से उतरने से पहले की थी। राष्ट्रपति मैक्रों ने पहले इस वीडियो को नजरअंजदाज किया लेकिन बाद में इसे “जोक” यानी मजाक बताया।
