नई दिल्ली/ सर्दियों में ठंड से बचने के लिए लोग कमरे गर्म रखने के कई तरीके अपनाते हैं। हीटर, ब्लोअर या गैस स्टोव-ये सभी तुरंत गर्माहट तो देते हैं, लेकिन कई बार यही आराम जानलेवा भी बन जाता है। पिछले साल नोएडा में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई थी क्योंकि वे गैस हीटर चालू छोड़कर सो गए थे। कमरे में वेंटिलेशन न होने से कार्बन मोनोऑक्साइड जमा हुई और देखते ही देखते स्थिति भयावह हो गई। जम्मू–कश्मीर में भी ऐसा ही एक हादसा हुआ, जहां हीटर से निकली जहरीली गैस ने पूरे परिवार की जान ले ली।
अक्सर लोग मान लेते हैं कि हीटर नुकसान नहीं करते, लेकिन सच यह है कि अगर इनका इस्तेमाल सही तरीके से न किया जाए तो ये धीरे-धीरे सेहत के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं। डॉक्टर बताते हैं कि हीटर से निकलने वाली सूखी हवा और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैसें शरीर के रेस्पिरेटरी सिस्टम पर गहरा असर डालती हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिन नवजात शिशुओं को हीटर वाले कमरे में रखा गया उनमें से 88% बच्चों में सांस लेने में दिक्कत, तेज खांसी और स्किन की समस्या पाई गई।
हीटर शरीर को सबसे ज्यादा कैसे नुकसान पहुंचाते हैं?
विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे पहला नुकसान कमरे की नमी खत्म होने से होता है। लगातार चलने वाले हीटर हवा को तेजी से सुखा देते हैं। इसका सीधा असर नाक, गले और त्वचा पर पड़ता है। सूखी हवा रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को चुभने लगती है, जिससे खांसी, छींक, साइनस, एलर्जी और अस्थमा के लक्षण उभर सकते हैं। आंखें भी सूखने लगती हैं और जलन या कंजक्टिवाइटिस जैसी परेशानी हो सकती है। लंबे समय तक हीटर के संपर्क में रहने पर कुछ मामलों में ब्लड प्रेशर अस्थिर हो सकता है और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थिति का खतरा बढ़ जाता है।
कार्बन मोनोऑक्साइड क्यों इतना बड़ा खतरा है?
गैस हीटर या कोयले जैसे ईंधन से चलने वाले उपकरण कार्बन मोनोऑक्साइड CO नामक जहरीली, रंगहीन और गंधहीन गैस छोड़ते हैं। यही इसकी सबसे बड़ी खासियत और खतरनाक पहलू है-आपको पता ही नहीं चलेगा कि हवा में जहर बढ़ रहा है। बंद या सील कमरे में यह गैस जमा होकर शरीर में ऑक्सीजन की कमी कर देती है। नतीजे में सिरदर्द, उलझन, कमजोरी, मतली, चक्कर जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। अगर समय रहते वेंटिलेशन न मिले तो व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है और जान जाने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
क्या छोटे बच्चों या नवजातों के कमरे में हीटर सुरक्षित है?
विशेषज्ञ इसका सीधा जवाब नहीं देते हैं। नवजातों की त्वचा बेहद नाजुक होती है और सूखी हवा उनकी स्किन को तुरंत ड्राई करके लाल चकत्ते और जलन पैदा करती है। उनकी नाक भी जल्दी सूख जाती है जिससे उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। लम्बे समय तक हीटर वाले कमरे में रहने पर बच्चों में रेस्पिरेटरी इंफेक्शन की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
सर्दी में आदर्श कमरे का तापमान कितना होना चाहिए?
ठंड से बचना जरूरी है, लेकिन कमरे को बहुत गर्म रखना भी सेहत के लिए हानिकारक है। डॉक्टरों का सुझाव है कि बेडरूम का तापमान लगभग 18°C और लिविंग रूम का तापमान 21°C रखना सबसे सुरक्षित माना जाता है। इससे शरीर को आराम मिलता है, ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है और नींद की गुणवत्ता पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता।
हीटर का इस्तेमाल करते समय किन बातों का खास ध्यान रखें?
सबसे महत्वपूर्ण बात-कमरा कभी पूरी तरह बंद न रखें। थोड़ा बहुत हवा का रास्ता खुला छोड़ें ताकि ताजी हवा आती रहे और ऑक्सीजन का स्तर संतुलित बना रहे। हीटर से हवा जल्दी सूखती है, इसलिए कमरे में पानी से भरा एक बर्तन रख देना नमी बनाए रखने का एक आसान और सुरक्षित तरीका है। ध्यान रखें यह बर्तन हीटर के ऊपर न रखें।
कुछ आम सवालों के आसान और ज़रूरी जवाब
– क्या सेंट्रल हीटिंग साइनस बढ़ा सकती है? हाँ। लगातार गर्म और सूखी हवा नाक के अंदरूनी हिस्से को सुखा देती है, जिससे साइनस ब्लॉकेज और इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है।
– क्या रेडिएटर से सांस की समस्या हो सकती है? रेडिएटर कमरे की हवा गर्म करते समय धूल के कणों को उपर उठा देते हैं। ये कण सांस के जरिए अंदर जाते हैं जिससे अस्थमा या एलर्जी वाले लोगों की तकलीफ बढ़ सकती है।
– क्या बहुत ठंडे कमरे में रहना भी हानिकारक है? बिल्कुल। अधिक ठंडे कमरे में शरीर का तापमान कम होने लगता है जिससे हाइपोथर्मिया, शivering और ब्लड प्रेशर में भारी उतार-चढ़ाव का खतरा होता है।
– हीटर इस्तेमाल करते समय सबसे सामान्य गलती क्या है? पूरी रात या लंबे समय तक हीटर को बंद कमरे में चलने देना। यह सबसे बड़ी भूल है क्योंकि इससेऑक्सीजन की कमी होती है और कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ सकता है सर्दियों की ठिठुरन से बचना जरूरी है लेकिन गर्मी पाने की जल्दबाज़ी में स्वास्थ्य से खिलवाड़ बिल्कुल नहीं करना चाहिए। थोड़ी सी सावधानी, सही वेंटिलेशन और तापमान का ध्यान रखकर आप सर्दियों को आरामदायक, सुरक्षित और सेहतमंद बना सकते हैं।