ट्रेकिंग पर जाने से पहले इन 5 बातों का रखें खास ध्यान, वरना रोमांचक सफर बन सकता है जोखिम भरा
नई दिल्ली । ऊंचे पहाड़ों की ताजी हवा में सांस लेना, बादलों के बीच रास्ते बनाना और प्रकृति की गोद में खुद को खोजने का अनुभव यही तो ट्रेकिंग का असली रोमांच है। लेकिन जहां रोमांच है, वहीं खतरा भी छिपा होता है। जरा सी लापरवाही इस खूबसूरत सफर को खतरनाक बना सकती है। इसलिए ट्रेक पर निकलने से पहले सही तैयारी, मौसम की जानकारी, दिशा ज्ञान और स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।आइए जानते हैं वे पांच अहम बातें, जो आपकी यात्रा को सुरक्षित, सुखद और यादगार बना सकती हैं।
1. सही सामान का करें चयन
ट्रेकिंग की शुरुआत होती है आपके बैग और जूतों से। मजबूत, हल्के और फिसलन-रोधी जूते चुनें ताकि कठिन रास्तों पर चलना आसान रहे।कपड़े मौसम के अनुसार पहनें गर्मियों में हल्के और सांस लेने योग्य, जबकि सर्दियों में ऊनी और जलरोधक।
जरूरी चीजें
टॉर्च या हेडलैम्प
नक्शा, कंपास या GPS
फर्स्ट एड किट
पानी और एनर्जी बार्स
रेनकोट या पोंचो
पावर बैंक और मोबाइल
ध्यान रखें, बैग का वजन संतुलित रहे भारी सामान नीचे, हल्का ऊपर।
2. मौसम की जानकारी रखें
ट्रेक से 2–3 दिन पहले स्थानीय मौसम रिपोर्ट जरूर देखें। अचानक बारिश, बर्फबारी या तेज हवाएं ट्रेक को खतरनाक बना सकती हैं।
अगर खराब मौसम की चेतावनी है, तो यात्रा स्थगित कर दें। साथ ही सूर्योदय और सूर्यास्त के समय की जानकारी रखें ताकि अंधेरा होने से पहले गंतव्य तक पहुंच सकें।
3. समूह में करें यात्रा
पहाड़ों में नेटवर्क कमजोर रहता है और रास्ते जटिल होते हैं। ऐसे में अकेले ट्रेक करना जोखिम भरा हो सकता है। समूह में यात्रा करने से आपात स्थिति में मदद मिलती है और यात्रा का मजा भी दोगुना हो जाता है।
पहली बार जा रहे हैं तो किसी अनुभवी ट्रेकर या गाइड के साथ जाएं। इंडियन हाइकर्स एसोसिएशन, ट्रेक इंडिया और हिमालयन क्लब जैसी संस्थाएं शुरुआती यात्रियों के लिए गाइडेड ट्रिप्स आयोजित करती हैं।
4. दिशा ज्ञान रखें, तकनीक पर पूरी तरह निर्भर न रहें
GPS और मोबाइल मैप्स मददगार हैं, लेकिन पहाड़ों पर नेटवर्क हर जगह नहीं मिलता। इसलिए पारंपरिक दिशा ज्ञान जरूरी है। अपने साथ कागजी नक्शा और कंपास रखें।
अपने परिवार या दोस्तों को ट्रेक रूट, कैंप लोकेशन और वापसी की तारीख जरूर बताएं, ताकि किसी आपात स्थिति में आपकी खोज जल्द की जा सके।
5. स्वास्थ्य और फिटनेस का रखें पूरा ध्यान
ट्रेकिंग शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की परीक्षा है। ऊंचाई पर ऑक्सीजन कम होती है, इसलिए ट्रेक से पहले 3–4 सप्ताह तक वॉकिंग, रनिंग और हल्के कार्डियो एक्सरसाइज करें।
अगर आपको ब्लड प्रेशर, अस्थमा या हृदय संबंधी समस्या है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पर्याप्त पानी पिएं, हल्का भोजन करें और बीच-बीच में आराम करते रहें।
तैयारी ही सुरक्षा की चाबी
ट्रेकिंग सिर्फ रोमांच नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और अनुशासन का प्रतीक है। सही योजना, सही उपकरण और सही दृष्टिकोण के साथ निकली गई यात्रा न सिर्फ सुरक्षित होती है, बल्कि जिंदगी भर की याद बन जाती है।
