बिना खर्च और बिना केमिकल, घर पर पाएँ खूबसूरत और दमकती त्वचा

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नई दिल्ली
।महंगे स्किन केयर प्रोडक्ट्स के दौर में भी पुराने देसी नुस्खे अपनी जगह बनाए हुए हैं। बलिया में आज भी एक खास घरेलू उपाय चर्चा में है, जो त्वचा को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ, मुलायम और चमकदार बनाने में असरदार साबित हो रहा है। सरसों का उबटन सदियों से त्वचा की देखभाल का सबसे भरोसेमंद तरीका रहा है। यह नुस्खा न केवल सस्ता है, बल्कि ठंड के मौसम में डेड स्किन हटाकर त्वचा को पोषण और नमी भी देता है।

देसी नुस्खों की वापसी और महंगे प्रोडक्ट्स की तुलना

आज बाजार में तरह-तरह के महंगे लोशन और क्रीम मौजूद हैं, लेकिन आम लोगों के लिए उनकी कीमत बड़ी चुनौती बन जाती है। ऐसे में पुराने समय से चले आ रहे देसी नुस्खे एक बार फिर भरोसे का विकल्प बनकर सामने आए हैं। बलिया के वरिष्ठ नागरिक आसिफ जैदी बताते हैं कि उनके बचपन में दादी और नानी के घरेलू नुस्खों में सरसों के उबटन का खास महत्व था। लोग इसे पूरे शरीर पर लगाकर धूप में बैठते और धीरे-धीरे मालिश करते थे, जिससे त्वचा की गहराई से सफाई होती थी।

सरसों का उबटन: सदियों पुरानी परंपरा

सरसों का उबटन कोई नया प्रयोग नहीं है, बल्कि यह सदियों पुरानी परंपरा का हिस्सा रहा है। पुराने जमाने में जब बाजारू साबुन और क्रीम नहीं होती थीं, तब यही उबटन त्वचा की देखभाल का सबसे भरोसेमंद तरीका माना जाता था। जब यह उबटन शरीर पर सूखता है, तो डेड स्किन को अपने साथ हटाता है और त्वचा को साफ, कोमल और चमकदार बनाता है। खास बात यह है कि इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते, जो इसे आधुनिक केमिकल युक्त उत्पादों से अलग बनाता है।

घर पर ऐसे तैयार करें सरसों का उबटन

सरसों के दानों को धीमी आंच पर हल्का भूनकर हल्दी के साथ पीस लें। तैयार पाउडर में थोड़ा सरसों का तेल मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे पूरे शरीर पर लगाकर हल्के हाथों से मालिश करें। जब उबटन सूख जाए, तो साफ पानी से नहा लें। इसके नियमित उपयोग से त्वचा में प्राकृतिक ग्लो आता है, टैनिंग की समस्या कम होती है और त्वचा भीतर से मजबूत बनती है।

स्वास्थ्य और रक्त संचार के लिए भी फायदेमंद

सरसों का उबटन सिर्फ त्वचा के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है। मालिश से रक्त संचार बेहतर होता है, थकान दूर होती है और मांसपेशियों को आराम मिलता है। एड़ियों की फटने की समस्या में भी राहत मिलती है। एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इसे ठंड के मौसम में विशेष रूप से लाभकारी बनाते हैं।