जूते लाते हैं खतरनाक बैक्टीरिया और केमिकल्सजानें क्यों घर में नो शूज पॉलिसी जरूरी है

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नई दिल्‍ली ।
हम अक्सर जूतों और चप्पलों को बिना सोचे-समझे घर के अंदर पहन लेते हैंयह सोचते हुए कि बस थोड़ी धूल-मिट्टी लगी होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जूते न केवल धूल मिट्टीबल्कि कई खतरनाक और अदृश्य तत्वों को भी घर में लेकर आते हैंजो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं? इस आदत के बारे में डॉक्टर सौरभ सेठी ने अपनी राय दी हैऔर उनके मुताबिकघर में नो शूज पॉलिसी अपनाना हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।

जूतों के साथ आते हैं खतरनाक तत्व

जूते हमारे बाहर की दुनिया से होते हुए घर तक आते हैं। जब हम घर के बाहर चलते हैंतो हमारे जूतों में कीटनाशककेमिकल्सबैक्टीरियावायरसऔर यहां तक कि लेड जैसे हानिकारक तत्व लग जाते हैं। ये तत्व न केवल हमारी त्वचा के संपर्क में आते हैंबल्कि घर के फर्शकालीनऔर यहां तक कि बच्चों के खेलने के स्थानों पर भी पहुंच जाते हैं। डॉक्टर सौरभ के अनुसारइन टॉक्सिन्स का घर में प्रवेश करना स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकता है।

बैक्टीरिया और वायरस का खतरा

बाहर चलते समय जूते में कई बैक्टीरिया और वायरस भी जमा हो जाते हैंजिनका हम आमतौर पर अंदाजा नहीं लगा पाते। खासकर महामारी के दौर मेंइन बैक्टीरिया और वायरस का घर के अंदर आना संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकता है। डॉक्टर सौरभ बताते हैं कि यदि जूतों को घर में लाया जाएतो यह वायरस और बैक्टीरिया आपके घर के वातावरण में घुल सकते हैंजो परिवार के सदस्यखासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरे की बात हो सकती है।

केमिकल्स और जहर

इसके अलावाजूतों में अक्सर कई खतरनाक केमिकल्स भी होते हैंजो पेंटकागजया अन्य बाहरी पदार्थों से चिपक जाते हैं। ये केमिकल्स घर में प्रवेश करने पर वायुमंडल को प्रदूषित करते हैं और शरीर में अवशोषित होकर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। उदाहरण के लिएलेड leadजैसे भारी धातु के संपर्क में आना कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता हैखासकर बच्चों में।

बच्चों के लिए खतरा

बच्चों का इम्यून सिस्टम वयस्कों की तुलना में कमजोर होता हैऔर वे जमीन पर खेलते हैंजहां पर जूतों से आए हुए बैक्टीरियावायरसऔर केमिकल्स मौजूद हो सकते हैं। यह बच्चों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डाल सकता है और उन्हें विभिन्न तरह की एलर्जी और बीमारियों का शिकार बना सकता है। इसलिए डॉक्टर सौरभ सख्ती से कहते हैं कि बच्चों को इन खतरनाक तत्वों से बचाने के लिए घर में जूते पहनने की आदत को छोड़ना बहुत जरूरी है।

घर में नो शूज पॉलिसीअपनाने के फायदे

डॉक्टर सौरभ सेठी का मानना है कि घर में नो शूज पॉलिसी अपनाने से न केवल घर का वातावरण साफ रहता हैबल्कि यह परिवार के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इसके अलावाजूतों को घर के बाहर छोड़ने से आपके घर का फर्श भी साफ रहता है और आपको अतिरिक्त सफाई का काम भी नहीं करना पड़ता। आप भी इस सरल आदत को अपना सकते हैंजो न सिर्फ आपके घर को साफ रखेगीबल्कि आपके परिवार की सेहत को भी सुनिश्चित करेगी।

घर के प्रवेश द्वार पर जूते रखने के लिए एक विशेष जगह बनाएं और घर में प्रवेश करने से पहले जूते उतारने की आदत डालें। यह न केवल स्वास्थ्य के लिहाज से लाभकारी होगाबल्कि आपके घर को भी सुरक्षित और स्वच्छ बनाए रखेगा। इसलिएअगली बार जब आप घर के अंदर प्रवेश करेंतो यह याद रखें कि आपके जूतों में सिर्फ धूल या मिट्टी नहींबल्कि कई खतरनाक तत्व भी हो सकते हैंजिन्हें घर में नहीं लाना चाहिए।