दिल्ली प्रदर्शन के लिए जा रहे तमिलनाडु के 180 किसान MP के नर्मदापुरम में उतारे, रेलवे स्टेशन पर अर्द्धनग्न प्रदर्शन

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नर्मदापुरम। मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम में सोमवार शाम एक अनोखी घटना देखने को मिली, जब दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए तमिलनाडु से जा रहे लगभग 180 किसानों को पुलिस ने रेलवे स्टेशन पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया। राष्ट्रीय दक्षिण भारतीय नदी संपर्क किसान संगठन के तहत ये किसान जीटी एक्सप्रेस और तमिलनाडु एक्सप्रेस से दिल्ली जा रहे थे। सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं के मद्देनजर उन्हें ट्रेन से उतारा। नर्मदापुरम और इटारसी रेलवे स्टेशन पर किसानों को उतारे जाने के बाद कुछ किसानों ने अर्द्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी किसानों में बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष सभी शामिल थे। उन्होंने तमिल भाषा में जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों के समर्थन में आवाज उठाई। इस दौरान रेलवे स्टेशन पर हलचल मच गई और प्रशासन को स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करना पड़ा।

प्रशासन ने बताया कि किसानों को उतारने के साथ ही उन्हें सुरक्षित रखने का इंतजाम किया गया है। नर्मदापुरम के एक निजी गार्डन में किसानों के रात्रि भोजन की व्यवस्था की गई है। वहीं, इटारसी रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले लगभग 80 किसानों को बस के माध्यम से नर्मदापुरम लाया गया, जहां उन्हें खाने और रहने की सुविधा उपलब्ध कराई गई। प्रशासन ने कहा कि सभी किसानों को सुरक्षित तरीके से सुबह तमिलनाडु वापस भेजा जाएगा। किसानों का कहना है कि वे दिल्ली जाकर अपनी मांगें केंद्र सरकार के सामने रखना चाहते थे। लेकिन मध्यप्रदेश पुलिस ने उन्हें ट्रेन से उतारकर उनके आंदोलन को रोकने का प्रयास किया। किसानों का प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन अर्द्धनग्न होकर विरोध जताने की वजह से यह दृश्य काफी ध्यान आकर्षित कर रहा था।

प्रदर्शनकारी किसानों ने बताया कि उनकी मांगें मुख्य रूप से नदी जल प्रबंधन और सिंचाई सुविधाओं को लेकर हैं। तमिलनाडु में कई किसान इस समय सूखे और जल संकट से प्रभावित हैं और उनका उद्देश्य केंद्र सरकार से सीधे संवाद करना था। ट्रेन से उतारे जाने के बाद उनके आंदोलन को रोकने का प्रयास किया गया, जिससे उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ा। प्रशासन ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और किसी भी तरह की हिंसा नहीं होने दी जाएगी। नर्मदापुरम में किसानों के लिए स्वास्थ्य और भोजन की सुविधा का ध्यान रखा गया है। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया कि कोई किसान सड़क पर न रह जाए और सभी को सुरक्षित स्थान पर रखा जाए। इस घटना ने केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगें रखने का अधिकार है और अर्द्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन करना उनकी मजबूरी थी।