उज्जैन में मोहर्रम के जूलूस में प्रतीकात्मक घोड़े के नीचे दबे लोग, भगदड़ मचने पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

उज्जैन। मोहर्रम का जुलूस विभिन्न रास्तों से होता हुआ इमाम बाड़े पर समाप्त हुआ। लेकिन, इस बीच पुलिस को हालात काबू में करने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा। दरअसल मोहर्रम जुलूस में प्रतीकात्मक घोड़े (बड़े साहब) को कंधे पर लेकर लोग दौड़ रहे थे। प्रतीकात्मक घोड़ा एक ओर झुक गया और उसके नीचे लोग दब गए। इस घटना में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। हादसे के बाद भी जुलूस में शामिल पीछे वाले लोग दौड़ते हुए आगे बढ़ रहे थे। इन्हें काबू करने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। इससे लोग इधर-उधर भागे और घोड़े के नीचे दबे लोगों को बचाया गया।

शहर में मंगलवार रात का मोहर्रम का जुलूस निकास चौराहा, नई सड़क, फव्वारा चौक, दौलत गंज, तोपखाना, लोहे का पुल, गुदरी चौराहा, पटनी बाजार, गोपाल मंदिर, कमरी मार्ग, खजूर वाली मस्जिद होते हुए इमाम बाड़े पर खत्म हुआ। जुलूस के दौरान बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद थे जो प्रतीकात्मक घोड़े (बड़े साहब) को कंधे पर लेकर दौड़ लगा रहे थे।

तेजी से बड़े साहब को कंधे पर लेकर दौड़ने के कारण भीड़ एक ही स्थान पर ठहर गई। जिससे प्रतीकात्मक घोड़ा एक तरफ झुक गया और लोग उसके नीचे दब गए। नीचे दबे लोगों ने निकलने का प्रयास किया, लेकिन पीछे से आ रही भीड़ के कारण वे ऐसा नहीं कर पाए। भीड़ के और आगे आने पर तीन पुलिसकर्मी भी बैरिकेड पर गिरे पड़े। इसके हालात और भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को हल्का लाठी चार्ज करना पड़ा। उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि हादसे में तीन पुलिसकर्मी और कुछ मुस्लिम समाज के लोग दब गए थे। गनीमत रही कि किसी को गंभीर चोट नहीं आई।

इधर, मप्र के राजगढ़ और खंडवा जिले से मोहर्रम जुलूस के दौरान हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है। दोनों ही जिलों में जुलूस में शामिल दो युवकों ने फिलिस्तीनी झंडा लहराया। जिसके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। बजरंग दल और हिंदूवादी संगठनों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए थाने में शिकायती आवेदन दिया है। पुलिस कार्रवाई की बात कह रही है।

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