मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड: इंदौर में 10 साल का रिकॉर्ड टूटा, पचमढ़ी सबसे ठंडा

mas-1765173595

मध्यप्रदेश। में पिछले कुछ दिनों से ठंड अपने चरम पर है। बर्फीली हवाओं के कारण हालात ऐसे हैं कि प्रदेश के ज्यादातर शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है  रविवार सोमवार   की रात इंदौर में पिछले 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया। यहां न्यूनतम तापमान 5.7 डिग्री दर्ज हुआ जो वर्ष 2015 से 2024 के बीच सबसे कम है। राजधानी भोपाल में लगातार तीसरे दिन शीतलहर चली और लोगों को सुबह से ही अलाव व गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ा।उज्जैन ग्वालियर जबलपुर जैसे शहर भी कड़ाके की ठंड से कांप उठे। उज्जैन में सीजन की सबसे सर्द रात दर्ज हुई। ग्वालियर में पारा 8.9 डिग्री और जबलपुर में 8.3 डिग्री तक लुढ़क गया।

पचमढ़ी रहा सबसे ठंडाजबलपुर संभाग के मंडला व डिंडौरी
इंदौर धार और झाबुआ

कोल्ड वेव 20–22 दिन चल सकती है
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि दिसंबर और जनवरी में शीतलहर कई शहरों में लगातार 20 से 22 दिनों तक चल सकती है।

मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटों में पचमढ़ी प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा जहां तापमान 5.2 डिग्री दर्ज हुआ। उमरिया 5.6 डिग्री राजगढ़ 6 डिग्री और नौगांव 6.5 डिग्री पर रहा। यही स्थिति रायसेन खजुराहो रीवा मंडला मलाजखंड शिवपुरी सतना दमोह नरसिंहपुर छिंदवाड़ा खंडवा और गुना जैसे शहरों में भी देखने को मिली जहां तापमान 7 से 10 डिग्री के बीच रहा।

कई शहरों में Cold Wave और Cold Day

मौसम वैज्ञानिकों ने आज भी प्रदेश के कई हिस्सों में कोल्ड डे और कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया है। इंदौर उज्जैन शाजापुर धार नरसिंहपुर और जबलपुर संभाग के शहरों में दिन का तापमान सामान्य से बहुत कम रहने की संभावना है। भोपाल में भी शीतलहर जारी रहेगी।

कड़ाके की ठंड की वजह
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ Western Disturbanceके सक्रिय होने से उत्तरी राज्यों-हिमाचल उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी और बारिश शुरू हुई है। वहीं से चलकर आने वाली उत्तरी हवाएं मध्यप्रदेश में तापमान गिरा रही हैं। पिछले तीन दिन से लगातार सर्द हवाएं चल रही हैं और ग्वालियर चंबल भोपाल उज्जैन और सागर संभाग पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है।

अगले दो दिन और बढ़ेगी ठंड
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले दो दिनों तक प्रदेश में कड़ाके की ठंड जारी रहेगी। कई शहरों में दिन का तापमान 4 से 6 डिग्री तक गिर सकता है जिससे कोल्ड डे की स्थिति बनेगी। पाकिस्तान के ऊपर एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है जो हिमालयी राज्यों में नई बर्फबारी ला सकता है। इसके बाद उत्तरी हवाएं और तेज होने की संभावना है।

इस बार सर्दी तोड़ेगी कई रिकॉर्ड

नवंबर में ही मध्यप्रदेश में रिकॉर्डतोड़ ठंड पड़ी। भोपाल में 15 दिन तक लगातार शीतलहर चली-1931 के बाद इतना लंबा शीतलहर का दौर नहीं आया था। 17 नवंबर को भोपाल का तापमान 5.2 डिग्री दर्ज हुआ जो दशक का न्यूनतम स्तर था। वहीं इंदौर में भी पारा 6.4 डिग्री तक पहुंचकर 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ गया। मौसम केंद्र के विशेषज्ञों के अनुसार इस बार ला नीना का प्रभाव भी ठंड बढ़ाने में महत्वपूर्ण रहा। प्रशांत महासागर के ठंडा होने से हवा और ज्यादा ठंडी होकर एशिया और भारत की ओर बढ़ती है जिससे मध्यभारत पहले ही नवंबर में ठिठुरने लगा।

दिसंबर-जनवरी का पीक ठंड वाला समय

जैसे मानसून के महीनों में जुलाई–अगस्त महत्वपूर्ण होते हैं वैसे ही ठंड के लिए दिसंबर और जनवरी सबसे प्रभावी महीने माने जाते हैं। इन दो महीनों में उत्तरी हवाएं प्रदेश में सबसे ज्यादा सक्रिय होती हैं जिससे दिन और रात दोनों में तापमान गिर जाता है। पिछले दस साल का ट्रेंड भी यही बताता है कि दिसंबर में ठंड अपने चरम पर रहती है और कई बार मावठा भी गिरता है।

किन जिलों में सबसे ज्यादा रहेगी ठंड?

ग्वालियर चंबल और उज्जैन संभाग भोपाल संभाग के सीहोर और विदिशा  सागर संभाग के निवाड़ी छतरपुर टीकमगढ़ और पन्ना जिले रीवा संभाग के मऊगंज सीधी और सिंगरौली जबलपुर संभाग के मंडला व डिंडौरी   

 जबलपुर संभाग के मंडला व डिंडौरी
इंदौर धार और झाबुआ कोल्ड वेव 20–22 दिन चल सकती है  मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि दिसंबर और जनवरी में शीतलहर कई शहरों में लगातार 20 से 22 दिनों तक चल सकती है।