भिंड में पासपोर्ट सेवा कार्यालय की सफलता: ग्वालियर और मुरैना के नागरिकों का बढ़ता रुझान

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भिंड । मध्य प्रदेश भिंड शहर के हनुमान बजरिया स्थित बड़े डाकघर परिसर में 19 अप्रैल 2025 को पासपोर्ट सेवा कार्यालय की शुरुआत हुई थी और पिछले सात महीनों में इस कार्यालय ने अपनी पहचान मजबूत की है। हालांकि भिंड जिले के लोग पासपोर्ट बनवाने के लिए अपेक्षाकृत कम पहुंच रहे हैं वहीं ग्वालियर और मुरैना जिलों से लोग अधिक संख्या में आवेदन कर रहे हैं।

भिंड में पासपोर्ट आवेदन की स्थिति

पासपोर्ट सेवा कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, अब तक लगभग 15,000 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं जिनमें से 10,000 पासपोर्ट जारी किए जा चुके हैं। इसका मतलब है कि रोजाना औसतन 30 से 40 लोग इस कार्यालय में पासपोर्ट के लिए आवेदन करने पहुंचते हैं। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि इस सेवा का रुझान धीरे-धीरे बढ़ रहा है।

ग्वालियर और मुरैना से अधिक आवेदन

पासपोर्ट कार्यालय के इंचार्ज अभिषेक छत्रसाल के अनुसार, ग्वालियर में पहले से ही एक पासपोर्ट सेवा केंद्र था, लेकिन भिंड के कार्यालय के शुरू होने के बाद वहां दस्तावेज़ी जांच और अन्य प्रक्रियाओं को सरल और तेज किया गया है। इसके कारण, ग्वालियर और मुरैना के लोग अब भिंड कार्यालय को प्राथमिकता दे रहे हैं। खासकर ग्वालियर के लोग, जो लंबी वेटिंग टाइम से बचने के लिए यहां आवेदन कर रहे हैं। मुरैना के लोग भी भिंड से कम दूरी पर होने के कारण यहां आते हैं, जिससे इस कार्यालय में आवेदन की संख्या में इज़ाफा हुआ है।

भिंड जिले में आवेदन की कमी का कारण

शुरुआत में यह उम्मीद की जा रही थी कि भिंड के लोग भारी संख्या में पासपोर्ट के लिए आवेदन करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसका प्रमुख कारण ग्रामीण इलाकों में पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया को लेकर जागरूकता की कमी बताई जा रही है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में भिंड जिले में भी लोग पासपोर्ट के लिए जागरूक होने लगे हैं, खासकर विदेशों में रोजगार और स्कॉलरशिप के अवसरों की जानकारी मिलने के बाद। अब ज्यादा से ज्यादा लोग पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन कर रहे हैं।

आवेदन प्रक्रिया में सुधार और गति

पिछले कुछ महीनों में पासपोर्ट सेवा कार्यालय में सुधार किए गए हैं, जिनके परिणामस्वरूप आवेदन प्रक्रिया और तेज हो गई है। इंचार्ज छत्रसाल के अनुसार, स्टाफ की संख्या और काउंटर बढ़ाए गए हैं, जिससे अब आवेदकों को वेरिफिकेशन के लिए ज्यादा समय नहीं लग रहा है। पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को भी डिजिटल किया गया है, जिससे आवेदन की स्वीकृति और पासपोर्ट की डिलीवरी तेज हो गई है।

मुख्य कारण विदेश जाने के लिए आवेदन

ग्वालियर और मुरैना जिलों से आने वाले अधिकांश आवेदन विदेश रोजगार, स्टडी वीजा और परिवार पुनर्मिलन एफआर श्रेणी के हैं। इन जिलों के लोग विदेश में काम करने पढ़ाई करने या परिवार के साथ पुनर्मिलन के लिए पासपोर्ट बनवाने की इच्छाएं रखते हैं। वहीं भिंड जिले से आने वाले लोग टूरिस्ट वीजा स्टूडेंट वीजा और जॉब वीजा श्रेणी में अधिक आवेदन कर रहे हैं।

भिंड में पासपोर्ट सेवा कार्यालय ने न केवल अपनी पहचान बनाई है, बल्कि यह ग्वालियर और मुरैना के लोगों के लिए एक सुविधाजनक विकल्प बन चुका है। पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया में सुधार जागरूकता बढ़ने और दस्तावेज़ी जांच के सरल होने के कारण आवेदन की संख्या में इज़ाफा हुआ है। हालांकि, भिंड जिले के लोग अभी भी अपेक्षाकृत कम आवेदन कर रहे हैं लेकिन आने वाले समय में इस ट्रेंड में बदलाव देखने को मिल सकता है।