भोपाल । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कार्यकाल के दो साल जल्द ही पूरे होने वाले हैं। दिसंबर 2023 में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा विधायक दल की बैठक में शायद ही किसी ने यह सोचा था कि वह मुख्यमंत्री बनेंगे। उस समय बड़े नाम खासकर शिवराज सिंह चौहान जो 17 साल तक मुख्यमंत्री रहे चर्चा में थे। इस वजह से जब डॉ. यादव ने पद संभाला तो उनके नेतृत्व को लेकर कुछ हिचक और आशंकाएं थीं। लेकिन अब उनके दो साल के कार्यकाल ने उन सभी अफवाहों पर विराम लगा दिया है और उन्होंने मध्य प्रदेश में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।
डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में कई नए बदलाव हुए हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश में विकास की नई दिशा दिखाने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की। केन-बेतवा लिंक परियोजना की शुरुआत भी प्रदेश से हुई है जो बुंदेलखंड के पिछड़े इलाकों में विकास की नई राह खोलेगी। उन्होंने प्रशासनिक सुधारों पर भी जोर दिया है जैसे प्रमोटी अधिकारियों को हटाकर युवा अधिकारियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपना जिससे प्रदेश में बेहतर प्रशासन का माहौल बना है।
डॉ. यादव ने रोजगार सृजन के मामले में भी कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने सिर्फ एक साल में 75 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। निजी क्षेत्र में भी रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। इसके अलावा सात लाख करोड़ के निवेश से नए उद्योग शुरू किए गए हैं और निजी क्षेत्र में दो लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है। वहीं प्रदेश में सिंचाई क्षमता को बढ़ाने की दिशा में भी लगातार काम हो रहा है। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया कि 2028 तक एक करोड़ हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा मुहैया कराई जाएगी जिससे किसानों की आमदनी में भी वृद्धि होगी।
बिजली क्षेत्र में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी मध्य प्रदेश अच्छा प्रदर्शन कर रहा है जो राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद कर रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं में भी सुधार हुआ है। प्रदेश में अब मेडिकल कॉलेजों की संख्या 25 से अधिक हो गई है और सरकारी अस्पतालों में सुपर स्पेशलिटी सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। इसके अलावा सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में मध्य प्रदेश ने अन्य राज्यों के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है। धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में भी डॉ. मोहन यादव ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
श्री महाकाल महालोक के उद्घाटन के बाद उज्जैन में पर्यटकों की संख्या में 20 गुना वृद्धि हुई है। 2023 में जहां 5 लाख पर्यटक उज्जैन आए थे वहीं 2024 में यह संख्या सात करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। प्रदेश में 12 लोक बन रहे हैं जिससे मध्य प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान मजबूत हो रही है। डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में समग्र विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। हालांकि उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत करना है जिसे वह अपनी सरकार के अगले दो सालों में पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में राज्य का विकास निश्चित रूप से एक नए मुकाम पर पहुंचने की ओर अग्रसर है।