अखिल भारतीय शतरंज महासंघ ने विश्व चैंपियन गुकेश और रैपिड चैंपियन कोनेरू हम्पी को किया सम्मानित

– गुकेश को 1 करोड़ रुपये, हम्पी को 50 लाख रुपये का पुरस्कार

नई दिल्ली। अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) ने गुरुवार को एक भव्य समारोह में विश्व शतरंज चैंपियन गुकेश डोमराजू और विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन कोनेरू हम्पी को सम्मानित किया। 18 वर्षीय गुकेश ने दिसंबर 2024 में सिंगापुर में आयोजित विश्व शतरंज चैंपियनशिप के फाइनल में चीन के डिंग लिरेन को हराकर इतिहास रच दिया था। वह विश्वनाथन आनंद के बाद यह खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय और सबसे युवा विश्व चैंपियन हैं।

गुकेश को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया गया, जबकि उनकी सपोर्ट टीम के लिए 50 लाख रुपये की घोषणा की गई। महिला वर्ग में, कोनेरू हम्पी ने 2024 फिडे महिला विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप में इरेन सुकंदर को हराकर खिताब अपने नाम किया। 37 वर्षीय हम्पी को उनकी इस उपलब्धि के लिए 50 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। इसके अलावा, फिडे विश्व ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप 2024 में कांस्य पदक विजेता आर. वैशाली रमेशबाबू को भी 20 लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया।

गुकेश और हम्पी ने व्यक्त किया आभार
सम्मान समारोह में गुकेश ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और महासंघ को दिया। उन्होंने कहा, “2024 शतरंज के लिए एक यादगार साल था। हमें प्रशंसकों, मीडिया और महासंघ से भरपूर समर्थन मिला। यह हमारे लिए सिर्फ शुरुआत है, और मुझे यकीन है कि 2025 और भी बेहतर होगा।”

कोनेरू हम्पी ने भी एआईसीएफ का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह पदक हमारी मातृभूमि का है। मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मेरी मेहनत को इस तरह से सम्मानित किया गया। हमारा देश शतरंज में अपार संभावनाएं रखता है, और हमें अधिक से अधिक खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना चाहिए।”

महासंघ ने किया शतरंज के स्वर्ण युग की घोषणा
एआईसीएफ के अध्यक्ष नितिन नारंग ने खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा, “गुकेश और हम्पी ने भारतीय शतरंज को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। महासंघ उनकी मेहनत और समर्पण को सलाम करता है।” महासचिव देव पटेल ने कहा, “इन खिलाड़ियों और उनके परिवारों ने असाधारण त्याग और मेहनत की है। उनका यह समर्पण देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”

राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में मिलेगा खेल रत्न सम्मान
गुकेश को शुक्रवार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर उनके माता-पिता को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

भारतीय शतरंज की इन ऐतिहासिक उपलब्धियों ने देश में शतरंज के स्वर्ण युग की शुरुआत कर दी है। 2024 में भारतीय खिलाड़ियों ने फिडे शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीतने सहित कई बड़े मुकाम हासिल किए। महासंघ ने इन उपलब्धियों को प्रोत्साहित करने के लिए कुल 3.2 करोड़ रुपये की नकद राशि वितरित की।