Byju’s के खिलाफ दिवाला कार्रवाई रद्द, BCCI विवाद में मिली बड़ी राहत, जानें क्‍या बोले मालिक

Tribunal accepts BCCI's plea for insolvency proceedings against Byju's

नई दिल्‍ली । एडुटेक कंपनी बायजू को राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने बड़ी राहत दी है। दरअसल, बायजू की पैरेंट कंपनी ‘थिंक एंड लर्न’ के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को एनसीएलएटी ने रद्द करने का आदेश दिया है। बायजू का कहना है कि यह कंपनी और उसके संस्थापकों के लिए एक बड़ी जीत है। बता दें कि एनसीएलएटी ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ कंपनी के 158 करोड़ रुपये के बकाया निपटान समझौते को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को भी रद्द कर दिया गया है। यह एक ऐसा कदम है, जिसके बाद संस्थापक बायजू रवींद्रन को प्रभावी रूप से फर्म का नियंत्रण वापस मिल जाएगा।

क्या कहा कंपनी ने

कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह घटनाक्रम बायजू और उसके संस्थापकों के लिए एक बड़ी जीत है। अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश का स्वागत करते हुए बायजू रवींद्रन ने कहा, ”एनसीएलएटी का यह आदेश सिर्फ एक कानूनी जीत नहीं है, बल्कि पिछले दो सालों में हमारे बायजू परिवार के साहसपूर्ण प्रयासों का प्रमाण है।”

रवींद्रन का छलका दर्द

रवींद्रन ने कहा, ”हमारी संस्थापक टीम के सदस्यों ने इस सपने को साकार करने के लिए अपने दिल और आत्मा के साथ अपनी पूरी बचत भी झोंक दी है। इसके लिए उन्हें कीमत चुकानी पड़ी है। बायजू के हर साथी ने अभूतपूर्व चुनौतियों के बावजूद अथक परिश्रम करते हुए असाधारण लचीलापन दिखाया है। उनका सामूहिक त्याग मुझे विनम्र बनाता है और मैं उनमें से सबका दिल से आभारी हूं।” उन्होंने कहा कि हम उच्च-गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के अपने मिशन के लिए प्रतिबद्ध हैं। आप कभी भी उस टीम को नहीं हरा सकते, जो कभी हार नहीं मानती।

बायजू को मिली चेतावनी

हालांकि, अपीलीय न्यायाधिकरण ने यह चेतावनी दी कि भुगतान करने में कोई भी विफलता बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को दोबारा शुरू कर देगी। अपीलीय न्यायाधिकरण ने बायजू के अमेरिका स्थिति ऋणदाताओं के राउंड-ट्रिपिंग के आरोप को भी खारिज कर दिया और कहा कि वे इसके लिए कोई सबूत देने में विफल रहे। इस समझौते के अनुरूप बायजू रवींद्रन के भाई रिजू रविंद्रन ने 31 जुलाई को बीसीसीआई को 50 करोड़ रुपये और शुक्रवार को 25 करोड़ रुपये का भुगतान किया। बाकी 83 करोड़ रुपये आरटीजीएस के जरिए नौ अगस्त को जमा किए जाएंगे।