बेंगलुरु एकेडमी में राहुल द्रविड़ का जोरदार स्‍वागत, युवा क्रिकेटों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर

Rahul Dravid's tenure as India coach: ICC trophy drought continues while  dominant in bilateral cricket – Firstpost

नई दिल्‍ली । भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने बतौर मुख्य कोच भारतीय टीम को विश्व चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई। द्रविड़ पिछले साल वनडे विश्व कप 2023 के फाइनल में मिली हार के बाद कोच की जिम्मेदारी से हटना चाहते थे लेकिन रोहित शर्मा के एक फोन कॉल ने उनका मन बदल दिया और वह एक आखिरी बार टीम को चैंपियन बनाने के लिए भारतीय टीम के साथ करने को राजी हो गए। रोहित और द्रविड़ की जोड़ी ने भारत को 11 साल बाद खिताब दिलाया। इस बीच चैंपियन टीम के भारत लौटने पर प्रशसकों ने धमाकेदार स्वागत किया। जिसके बाद से सोशल मीडिया पर भारतीय टीम के सदस्य छाए हुए हैं।

भारत के पूर्व कोच राहुल द्रविड़ का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह बेंगलुरू में एक क्रिकेट एकेडमी में पहुंचे थे। छोटे बच्चों ने पूर्व क्रिकेटर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान राहुल द्रविड़ युवा खिलाड़ियों से हैंडशैक करते नजर आए। पूर्व कोच स्वागत से काफी खुश नजर आए।

करियर में तीन विश्‍व कम खेले लेकिन खिताब नही जीते

पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़ साल 1996 से 2012 तक बतौर खिलाड़ी भारत के लिए खेले। 16 साल के करियर के दौरान राहुल द्रविड़ ने कुल तीन विश्व कप खेले लेकिन खिताब नहीं जीत सके। हालांकि उनका सपना रोहित शर्मा के नेतृत्व वाली टीम ने पूरा किया। भारत के टी20 विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका पर जीत के साथ ही द्रविड़ का मुख्य कोच का कार्यकाल भी समाप्त हो गया। जल्द ही बीसीसीआई नए कोच का ऐलान कर सकता है।

ज्‍यादा काट छांट और बदलाव मुझे पसंद नहीं: राहुल द्रविड़

राहुल द्रविड़ ने बीसीसीआई द्वारा जारी किए गए वीडियो में कहा, ”मैं वास्तव में ऐसा व्यक्ति हूं जिसे निरंतरता पसंद है। मुझे बहुत अधिक काट छांट और बदलाव करना पसंद नहीं है। क्योंकि मेरा मानना ​​है कि इससे बहुत अस्थिरता पैदा होती है और बहुत अच्छा माहौल नहीं बनता।”

मै उस टीम का हिस्‍सा जिम्मेदारी सही पेशेवर

उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि मैं उस टीम का हिस्सा हूं जिसकी जिम्मेदारी सही पेशेवर, सुरक्षित, संरक्षित वातावरण बनाना है जिसमें वास्तव में असफलता का डर न हो, लेकिन लोगों को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त चुनौतियां हों। यह हमेशा मेरा प्रयास रहा है।’

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