धोनी और रोहित पूरी तरह से अलग के लीडर, दोनों की कप्तानी को भज्जी ने समझााया
नई दिल्ली । टीम इंडिया के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि रोहित शर्मा और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में बहुत फर्क है। भज्जी का कहना है कि दोनों की कप्तानी एकदूसरे से बिल्कुल अलग है। एमएस धोनी की कप्तानी में हरभजन सिंह काफी समय तक खेले हैं, जबकि रोहित शर्मा की कप्तानी में हरभजन सिंह आईपीएल में खेले हैं। ऐसे में हरभजन जानते हैं कि दोनों की कप्तानी करने की शैली कैसी है और किसमें क्या खूबी है और कौन कितना बेहतर खिलाड़ियों को डील करता है।
आपको अपनी गलतियों से सीखने का मौका देंगे
हरभजन सिंह ने एक पॉडकास्ट में कहा, “धोनी और रोहित पूरी तरह से अलग-अलग तरह के लीडर हैं। एमएस धोनी कभी किसी खिलाड़ी के पास जाकर उससे नहीं पूछेंगे कि तुम कौन सी फील्ड चाहते हो। वह आपको अपनी गलतियों से सीखने का मौका देंगे।” हरभजन सिंह ने इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल से जुड़ा एक वाकया शेयर किया, जब वह चेन्नई सुपर किंग्स यानी सीएसके में एमएस धोनी की कप्तानी में खेल रहे थे।
सबसे अलग है एमएस धोनी का तरीका
भज्जी ने कहा, “मुझे एक मैच याद है, जिसमें मैं शॉर्ट फाइन लेग पर फील्डिंग कर रहा था और एमएस धोनी कीपिंग कर रहे थे। शार्दुल ठाकुर गेंदबाजी कर रहे थे और पहली गेंद पर केन विलियमसन ने उन्हें बाउंड्री मारी। अगली गेंद भी उसी लेंथ की थी और विलियमसन ने वही शॉट खेला। मैं एमएस के पास गया और उनसे शार्दुल को अलग लेंथ की गेंदबाजी करने के लिए कहने को कहा। एमएस ने मुझसे कहा, ‘पाजी अगर मैं उसे अभी बता दूंगा, तो वह कभी नहीं सीख पाएगा। उसे खुद ही सीखने दो।’ उनकी सोच यह थी कि जब शार्दुल को बाउंड्री लगेगी, तो वह जल्दी सीख जाएगा। यह एमएस धोनी का तरीका था।”
आपके कंधे पर हाथ रखकर आपको बताएंगे
वहीं, रोहित शर्मा की कप्तानी को लेकर पूर्व ऑफ स्पिनर ने कहा, “रोहित बहुत अलग हैं। वह हर खिलाड़ी से बात करेंगे। वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो आपके कंधे पर हाथ रखकर आपको बताएंगे कि वह आपसे क्या चाहते हैं। वह आपको यह विश्वास दिलाएंगे कि हां, आप यह कर सकते हैं।” हरभजन ने ये भी कहा है कि टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी करने से रोहित शर्मा और भी बेहतर कप्तान बने हैं।
टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी शुरू करने से शर्मा में बदलाव आया
उन्होंने कहा, “रोहित में सबसे बड़ा बदलाव तब आया जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी शुरू की। टेस्ट कप्तान के तौर पर आप बहुत कुछ सीखते हैं। टी20 में कई ऐसे पल होते हैं जिन्हें आप अनदेखा कर देते हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में आप ऐसा नहीं कर सकते। टेस्ट क्रिकेट में कप्तान ही सबकुछ चलाता है। टेस्ट मैच जीतने के लिए उसकी रणनीति और उसके क्रियान्वयन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, यही आपको एक बेहतरीन लीडर बनाता है। स्टीव वॉ का नाम मेरे दिमाग में तुरंत आता है, क्योंकि वह कप्तानी में बहुत अच्छे थे। अगर आप टेस्ट क्रिकेट में कप्तान के तौर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं तो टी20 और वनडे में कप्तानी करना आसान हो जाता है।”