पिछले 20 ODI में टॉस नहीं जीत पाई टीम इंडिया… असिस्टेंट कोच ने निकाला ड्यू फैक्टर का तोड़
नई दिल्ली। टीम इंडिया (Team India) की किस्मत वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट (One Day International Cricket) में टॉस के मामले में बहुत खराब चल रही है। भारतीय टीम (Indian team) पिछले 20 वनडे मैचों में टॉस नहीं जीत पाई है। वर्ल्ड कप 2023 के सेमीफाइनल में भारतीय टीम (Indian team) ने आखिरी बार वनडे मैच में टॉस जीता था। इसके बाद से भारत के तीन कप्तान बदल गए हैं, लेकिन टॉस कोई भी नहीं जीता है। कई बार इसका खामियाजा भी भारतीय टीम को भुगतना पड़ा है। हाल ही में रांची में इंडिया और साउथ अफ्रीका के बीच खेले गए दूसरे वनडे मैच में भी यही दिखा, जब ड्यू फैक्टर के कारण टीम इंडिया को 350 से ज्यादा रन बनाने के बावजूद हार मिली। हालांकि, इसका तोड़ टीम इंडिया के असिस्टेंट कोच रयान टेन डोएशे ने खोज लिया है।
विशाखापट्टनम में आज यानी शनिवार 6 दिसंबर को खेले जाने वाले सीरीज डिसाइडर मैच में भी ओस एक अहम कारक होगा। यहां टॉस महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि दूसरी पारी में ओस गिरने की संभावना है। इसका फायदा बल्लेबाजी टीम को मिलता है, लेकिन भारत के असिस्टेंट कोच ने बताया है कि ड्यू फैक्टर से कैसे निपटा जा सकता है? तीसरे ODI मैच से पहले रयान टेन डोएशे ने बताया, “सबसे बड़ी चुनौती, फिर से, पहले बैटिंग करने और दूसरी बैटिंग करने वाली टीम के बीच का अंतर होने वाला है। मुझे लगता है कि यह वनडे क्रिकेट में ज्यादा साफ तौर पर दिख रहा है और यही असली चुनौती है।”
रायपुर में टीम इंडिया ने 359 रनों का टारगेट साउथ अफ्रीका के सामने रखा, जिसे भारतीय गेंदबाज डिफेंड नहीं कर सके। इस पर डोएशे ने कहा, “ओस का फैक्टर बहुत बड़ा है, हां, यह साफ तौर पर हमारी गलती नहीं है, लेकिन इससे निपटने का तरीका ढूंढना हमारी जिम्मेदारी है।” इसका सॉल्यूशन उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा, “यह सच है कि दूसरी पारी शुरू होते ही ओस गिरने लगती है। इसका मतलब है कि ओस पूरे समय रहती है, इसलिए मैच का समय बदलने से इसका असर थोड़ा कम हो सकता है। अगर आप दो घंटे पहले मैच शुरू करते हैं, तो यह एक समाधान हो सकता है।” उन्होंने माना है कि ऐसा करने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स को साथ आना होगा।
