अमित शाह ने अखिलेश के सांसद को दी जन्मदिन की बधाई, सियासी माहौल हुआ गरम

Amit Shah congratulated Akhilesh's MP

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की सियासी किताब में शनिवार को एक नया अध्याय जुड़ गया। जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने समाजवादी पार्टी (सपा) के मऊ से सांसद राजीव राय को फोन कर उनके 56वें जन्मदिन की बधाई दी। बस फिर क्या था, इस फोन कॉल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही राजनीतिक गलियारों में तूफान मच गया।

एक फोन कॉल या राजनीति की नई पटकथा?
राजीव राय जब अपने समर्थकों के बीच थे, तभी अमित शाह का फोन आया। बातचीत में राजीव ने मजाकिया अंदाज में कहा, “आधिकारिक तौर पर 56 हो गया हूं, लेकिन असलियत में अभी भी 53 साल का ही हूं।” दोनों नेताओं के बीच हंसी-ठिठोली भी हुई, लेकिन इस हल्की-फुल्की बातचीत के पीछे छुपी राजनीतिक रणनीति पर सबकी नजरें टिक गईं।

राजनीतिक दिग्गजों की नजर में ये कोई साधारण बधाई नहीं
विश्लेषकों का मानना है कि अमित शाह का विपक्षी दल के सांसद को फोन करना महज शिष्टाचार नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश है। खासकर तब, जब राजीव राय ने कभी भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव या अन्य नेताओं से मिली बधाइयों का वीडियो सार्वजनिक नहीं किया था। इस घटना ने सपा के अंदर गहरे राजनीतिक तनाव की आशंका को हवा दे दी है।

सपा में फूट की अफवाहें तेज, राजीव और अखिलेश के रिश्तों में खटास?
राजनीतिक सूत्रों की मानें तो राजीव राय और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच पिछले कुछ समय से दूरी बढ़ रही है। इस फोन कॉल के बाद पार्टी के अंदर गुटबाजी की अटकलें तेज हो गई हैं। सवाल उठ रहे हैं कि कहीं यह शुरुआत तो नहीं सपा के भीतर टूटने की?

मऊ में राजीव राय के समर्थक खुशी से झूम उठे
मऊ स्थित उनके कार्यालय पर जन्मदिन की बधाइयों का तांता लगा रहा। समर्थक इसे बड़ी राजनीतिक ताकत के तौर पर देख रहे हैं और मानते हैं कि इस बधाई ने राजीव राय की राजनीति को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

शुभकामना या रणनीति? राजनीति में हर कदम की होती है बड़ी कीमत
इस फोन कॉल ने यूपी की सियासत में नया सस्पेंस पैदा कर दिया है। क्या ये सपा के लिए संकट बनेगा या नया गठबंधन? क्या राजीव राय की इस माने तो ‘गुप्त’ राजनीति से पार्टी के समीकरण बदलेंगे? जवाब तो वक्त के साथ मिलेगा, लेकिन फिलहाल इस फोन कॉल ने राजनीतिक पटल पर हलचल मचा दी है।