दिल्ली MCD उपचुनाव: नामांकन 3 नवंबर, वोटिंग 30 नवंबर, परिणाम 3 दिसंबर घोषित
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में खाली हुई 12 सीटों को भरने के लिए उपचुनाव की तैयारियां तेज़ कर दी गई हैं। दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने मंगलवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की और उपचुनाव की तारीख 30 नवंबर तय की है। इन उपचुनावों के माध्यम से स्थानीय प्रशासन में सुचारू कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी और वॉर्ड स्तर पर जनता का प्रतिनिधित्व बहाल किया जाएगा।
एमसीडी उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 3 नवंबर से शुरू होगी। इच्छुक उम्मीदवार 10 नवंबर तक अपने पर्चे दाखिल कर सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 12 नवंबर को होगी, जबकि उम्मीदवार 15 नवंबर तक अपना नाम वापस ले सकते हैं।
वोटिंग 30 नवंबर को सुबह 7:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक संपन्न होगी। मतों की गिनती 3 दिसंबर को की जाएगी, जिसके बाद नई पार्षदों का ऐलान कर दिया जाएगा।
उपचुनाव किस-किस वॉर्ड में होंगे
एमसीडी उपचुनाव 12 वॉर्डों में आयोजित होंगे। इनमें शामिल हैं: मुंडका, शालीमार बाग-बी, अशोक विहार, चांदनी चौक, चांदनी महल, द्वारका-बी, दिचाऊं कलां, नारायणा, संगम विहार-ए, दक्षिणपुरी, ग्रेटर कैलाश और विनोद नगर। इन वॉर्डों में खाली हुई सीटों पर नए पार्षद चुने जाएंगे।
क्यों खाली हुईं ये सीटें
इन 12 वॉर्डों की सीटें विभिन्न कारणों से खाली हुई हैं। शालीमार बाग-बी वॉर्ड पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पास था। वहीं, द्वारका-बी वॉर्ड बीजेपी पार्षद कमलजीत सेहरावत के खाली होने के बाद खाली हुआ, क्योंकि वे अब पश्चिम दिल्ली से लोकसभा सांसद बन गई हैं।
बाकी वॉर्डों की खाली सीटें मुख्यतः बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) के उन पार्षदों की हैं, जिन्होंने फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाग लिया और विधायक बन गए। उनके विधायक बनने के कारण एमसीडी की सीटें खाली हो गई थीं, जिन्हें अब उपचुनाव के जरिए भरा जाएगा।
राज्य चुनाव आयोग ने सुनिश्चित किया है कि उपचुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हों। सभी वॉर्डों में सुरक्षा और चुनाव संचालन के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की जाएंगी। आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे मतदान प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाएँ और अपने अधिकार का प्रयोग करें।
इस उपचुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित होंगे, जिसके बाद एमसीडी में रिक्त सीटों पर नए पार्षदों का शपथ ग्रहण किया जाएगा। इससे स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली में सुधार और जनता के मुद्दों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जा सकेगा।
