असम में पटरी पर लौटने लगी जिंदगी, सात जिलों के 1.5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित

गुवाहाटी। भारी बारिश से बाढ़ की मार झेल रहे असम को कुछ राहत मिलने लगी है। हाल ही में कम बारिश होने पर नदियों का जलस्तर भी घट गया है। लोगों की जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है। बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या भी कम हो गई है। साथ ही बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या भी कम हो गई है। पर अब भी सात जिलों के 1.5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।

असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार होने लगा है। बता दें रविवार को दो लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित थे। बाढ़ के कारण असम के कुछ हिस्सों में पुल, घर, संस्थान, मवेशी शेड आदि तबा हो गए हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा 149 शिविर और राहत वितरण केंद्र स्थापित किए गए हैं, यहां 26,000 से ज़्यादा लोग शरण लिए हुए हैं। पिछले दिनों असम में बारिश कम हुई है, जिसके कारण से प्रमुख नदियों का जलस्तर भी घट गया है। इससे कारण बाढ़ से कुछ क्षेत्रों में राहत मिलने लगी है।

अभी भी सात जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। सात जिलों के 1.50 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार बाढ़ प्रभावित जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। जिससे करीमगंज में कुशियारा नदी को छोड़कर सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया। बरपेटा, कछार, दरांग, धेमाजी, गोलपारा, कामरूप और करीमगंज में करीब 1.50 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। मंगलवार को प्रभावित लोगों की संख्या 1.53 लाख थी। बुलेटिन में कहा गया है कि इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान में मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है, मंगलवार को कछार जिले में डूबने से एक व्यक्ति की मौत की खबर है।

अधिकारियों के अनुसार, करीमगंज में सबसे ज़्यादा 84,000 लोग प्रभावित हैं, इसके बाद कछार में 52,400 और दरांग में 6,500 लोग प्रभावित हैं। कुल मिलाकर, जिला असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बुलेटिन के अनुसार, वर्तमान में 556 गाँव पानी में डूबे हुए हैं और 1,547.35 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुँचा है। चिरांग, दरांग, गोलपारा, गोलाघाट, कामरूप, कोकराझार, नागांव, नलबाड़ी, तामुलपुर, उदलगुरी, गोलाघाट, होजई और सोनितपुर में बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढाँचे क्षतिग्रस्त हो गए हैं।