मध्यप्रदेश में तेज हुई मानसूनी गतिविधियां, भारी बारिश से खोलने पड़े 8 डैम के गेट

भोपाल । मध्यप्रदेश में बारिश का दौर जारी है। भोपाल में रातभर से तेज बारिश हो रही है। बड़ा तालाब में पानी फुल हो गया है। इसकी क्षमता 1666.80 फीट है। गुरुवार तक इसमें 1666 फीट पानी था, जो शुक्रवार सुबह पूरा भर गया। कलियासोत के 10 और भदभदा डैम के 5 गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है।

प्रदेश में लगातार बारिश होने से शुक्रवार को 8 डैम के गेट खोल दिए गए हैं। भोपाल में कोलार डैम के 4, कलियासोत के 10, भदभदा के 5, नर्मदापुरम में तवा डैम के 9, अशोकनगर में राजघाट के 8, जबलपुर में बरगी के 7, रायसेन के बारना डैम के 6 और छिंदवाड़ा में माचागोरा डैम के 4 गेट खोल दिए गए हैं। इधर, रायसेन में रिछन नदी में आई बाढ़ के बाद रपटा पार कर रहे दो लोग नदी में बह गए। इसमें एक युवक को बचा लिया गया। दूसरा लापता है।

4 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों में चार जिलों रायसेन, विदिशा, नर्मदापुरम और मंदसौर में आकाशीय बिजली गिरने के साथ भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। रायसेन के भीमबेटका और सांची, विदिशा के उदयगिरि में भारी बारिश हो सकती है।

इसलिए ऐसा मौसम
आईएमडी, भोपाल की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि गुरुवार को मानसून ट्रफ एमपी के ऊपर रही। वेस्ट बंगाल में एक्टिव साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एमपी की ओर आने लगा। एक और साइक्लोनिक सर्कुलेशन नॉर्थ-ईस्ट राजस्थान के ऊपर है। दो अन्य सिस्टम भी एक्टिव हैं। इस वजह से प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहा। 2 अगस्त से सिस्टम की स्ट्रॉन्ग एक्टिविटी देखने को मिलेगी। इसलिए बारिश का दौर चलेगा। कहीं भारी से भारी और कहीं भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।

जून-जुलाई में कोटे से ज्यादा पानी गिरा
इस बार प्रदेश में मानसून 21 जून को एक्टिव हुआ। इसे 40 दिन से ज्यादा हो गए। जून – जुलाई में मानसून की आधी से ज्यादा बारिश हो चुकी है। अब तक की बारिश का कोटा भी पूरा हो गया। मौसम विभाग के अनुसार, अब तक औसत 18.1 इंच बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन 19.7 इंच पानी गिर गया। इस तरह 1.6 इंच बारिश ज्यादा हुई है। यह 9% अधिक है।

बारिश में सिवनी अव्वल, 10.80 इंच पानी ज्यादा गिरा
प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश सिवनी जिले में 32 इंच हो गई। यह कोटे की बारिश की 10.80 इंच ज्यादा है। मंडला, नर्मदापुरम, भोपाल, रायसेन और छिंदवाड़ा ऐसे जिले हैं, जहां बारिश का आंकड़ा 25 इंच या इससे ज्यादा है। रीवा सबसे पिछड़ा जिला है। यहां 8 इंच बारिश ही हुई है। अब तक प्रदेश में ओवरऑल 9% बारिश ज्यादा हो चुकी है। इसमें पूर्वी हिस्से में 2% और पश्चिमी हिस्से में 15% ज्यादा पानी गिरा है।