SIR पर बवाल: बंगाल में BLOs का चुनाव आयोग के सामने प्रदर्शन, ममता बनर्जी ने किया समर्थन
नई दिल्ली/कोलकाता।पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR-Special Intensive Revision) को लेकर राजनीतिक घमासान और तनाव चरम पर पहुंच गया है। सोमवार को बूथ स्तरीय अधिकारियों BLO ने कोलकाता के मुख्य निर्वाचन अधिकारी CEO कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया, जो देर रात तक जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ने और दफ्तर में घुसने की कोशिश की, जिसके दौरान पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई भी हुई।
पुलिस से झड़प और दफ्तर में घुसने की कोशिश
बीएलओ अधिकार रक्षा समिति के सदस्य उत्तरी कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से जुलूस निकालते हुए CEO कार्यालय पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने कार्यालय के मुख्य द्वार को घेर लिया और प्रतीकात्मक रूप से ताले व बेड़ियां लगाईं। पुलिस ने बैरिकेड लगाकर दफ्तर की सुरक्षा की, लेकिन प्रदर्शनकारी BLO ने अवरोधक तोड़ने की कोशिश की। इस दौरान तीखी झड़प हुई, जिससे माहौल तनावपूर्ण बन गया।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि निर्वाचन आयोग BLO पर अत्यधिक और अमानवीय कार्य दबाव डाल रहा है। समिति ने बताया कि तनाव के कारण कई BLO बीमार पड़ रहे हैं और दो ने तो आत्महत्या तक की। मुर्शिदाबाद से आए एक प्रदर्शनकारी ने कहा, पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया, जो आमतौर पर दो साल में पूरी होती है, अब केवल दो महीनों में पूरी कराई जा रही है। अगर सीओ ने हमारी बात नहीं सुनी, तो हम पूरी रात विरोध करेंगे और कल फिर आएंगे।
ममता बनर्जी ने दिया BLO का समर्थन
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस संवेदनशील मामले पर सीधे हस्तक्षेप किया है। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर SIR प्रक्रिया पर गंभीर चिंता व्यक्त की। ममता ने इसे अनियोजित, अव्यवस्थित और खतरनाक बताते हुए कहा कि प्रशिक्षण की कमियों, दस्तावेजीकरण की अस्पष्टता और मतदाताओं तक पहुंचने में कठिनाई ने BLO पर दबाव बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री ने चेताया कि यदि BLO को उचित समय और संसाधन नहीं मिले तो मतदाता सूची का पुनरीक्षण विवाद और तनाव का कारण बन सकता है।
BJP ने लगाया TMC के गुंडों का आरोप
BJP ने लगाया TMC के गुंडों का आरोप
वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस विरोध प्रदर्शन को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया। उत्तर कोलकाता ज़िला अध्यक्ष तमोघना घोष ने कहा कि जो लोग सीईओ कार्यालय में घुसने की कोशिश कर रहे थे, वे वास्तविक BLO नहीं थे बल्कि टीएमसी के गुंडे थे। उनका दावा है कि ये लोग आधी रात को कार्यालय में छेड़छाड़ और भय फैलाने आए थे।
SIR प्रक्रिया देशभर में जारी
सचेत रहना यह आवश्यक है कि यह SIR कवायद केवल पश्चिम बंगाल तक सीमित नहीं है। देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में घर-घर जाकर मतदाता सूची की जांच और अद्यतन का काम 4 नवंबर से शुरू हुआ है और 4 दिसंबर तक चलेगा। अंतिम सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी।BLO अधिकार समिति ने चेताया है कि यदि कार्य की समय-सीमा नहीं बढ़ाई गई या सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो वे निरंतर विरोध और प्रदर्शन कार्यक्रम शुरू करने के लिए बाध्य होंगे।
इस प्रदर्शन ने SIR प्रक्रिया की संवेदनशीलता को उजागर किया है और दिखा दिया कि BLO की मुश्किलें केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि जीवन और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हैं। अब सबकी निगाहें निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार पर टिकी हैं कि वे इस विवाद को किस तरह सुलझाते हैं।
इस प्रदर्शन ने SIR प्रक्रिया की संवेदनशीलता को उजागर किया है और दिखा दिया कि BLO की मुश्किलें केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि जीवन और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हैं। अब सबकी निगाहें निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार पर टिकी हैं कि वे इस विवाद को किस तरह सुलझाते हैं।
