योगी सरकार का फैसला, यूपी के 2.45 लाख कर्मचारियों को मिलेगा रूका हुआ वेतन

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दो लाख 45 हजार कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. उनका रुका वेतन देने की घोषणा की है. सरकार ने उन्हें वेबसाइट पर संपत्ति का ब्योरा एक महीने में मांगा है. इससे पहले सोमवार को राज्य सरकार ने राजकीय सेवा में लगे इन कर्मचारियों का वेतन रोक दिया था. शासन ने सोमवार को सभी आईएएस, आईपीएस, पीसीएस और पीपीएस अधिकारियों के अलावा करीब छह लाख कर्मचारियों का वेतन तो जारी किया था, लेकिन करीब ढाई लाख कर्मचारियों का वेतन यह कहते हुए रोक दिया कि इन्होंने अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है.

गृह विभाग समेत अन्य विभागों की ओर से विभिन्न राजकीय कार्यों में कर्मचारियों की व्यस्तता का हवाला देते हुए संपत्ति का ब्योरा देने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की गई. इसके बाद उत्तर प्रशासन से सभी कर्मचारियों को एक महीने की मोहलत दी है. अब इन कर्मचारियों को हर हाल में 30 सितंबर तक संपत्ति का ब्यौरा देना ही होगा. इस संबंध में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आदेश जारी कर दिए है.इन सभी कर्मचारियों को 31 अगस्त तक अपनी संपत्ति का खुलासा मानव संपदा पोर्टल पर करनी थी. उत्तर प्रदेश में कुल 8 लाख 46 हजार 640 कर्मचारी राजकीय सेवा में हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक अब तक कुल 2 लाख 45 हजार कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति नहीं बताई. चूंकि पूर्व में ही मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने साफ कर दिया था कि किसी को रियायत नहीं मिलेगी. ऐसे में राज्य सरकार ने एक सितंबर को जब कर्मचारियों का वेतन जारी किया तो इसमें से संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले कर्मचारियों के नाम हटा दिए है. उत्तर प्रदेश सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक महज 71 फीसदी कर्मचारियों ने ही अपनी संपत्ति का खुलासा किया है. बता दें कि मुख्य सचिव ने बीते 17 अगस्त को शासनादेश जारी किया था. इसमें उन्होंने चेतावनी दी था कि 31 अगस्त तक संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले कर्मचारियों को वेतन रोक दिया जाएगा.

बावजूद इसके 29 फीसदी कर्मचारियों ने जानकारी अपडेट नहीं की. इनमें शिक्षा, टेक्सटाइल, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि और महिला कल्याण विभाग के कर्मचारियों की तादाद ज्यादा है. इनमें भी शिक्षा विभाग के कर्मचारी सबसे आगे हैं. अपनी संपत्तियों का ब्यौरा नहीं देने वालों में पुलिस के जवान भी काफी संख्या में हैं. हालांकि गृह विभाग ने बताया कि पिछले दिनों त्योहार और पुलिस भर्ती परीक्षा की वजह से पुलिसकर्मियों की व्यस्तता कुछ ज्यादा रही थी. इसकी वजह से ज्यादातर कर्मचारी डाटा अपडेट नहीं कर पाए. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक इस संबंध में शासन को अवगत करा दिया गया है.इसी के साथ पुलिसकर्मियों को संपत्ति का ब्योरा देने के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग की गई है.

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