पूर्व डीजी पुरुषोत्तम शर्मा को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, पत्नी की याचिका पर 15 दिन में फैमिली कोर्ट को फैसला सुनाने कहा

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व डीजी पुरुषोत्तम शर्मा और उनकी पत्नी के बीच भरण-पोषण को लेकर चल रहे केस में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें उनकी पत्नी को एकमुश्त भरण-पोषण देने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने यह मामला वापस फैमिली कोर्ट को भेजते हुए 15 दिन के अंदर नया फैसला सुनाने को कहा है।

पत्नी ने दी थी हाईकोर्ट में चुनौती

दरअसल, पुरुषोत्तम शर्मा की पत्नी ने भोपाल फैमिली कोर्ट के उस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें एकमुश्त 4 लाख रुपये भरण-पोषण के तौर पर देने का आदेश दिया गया था। उनका कहना था कि उन्हें एकमुश्त राशि नहीं बल्कि हर महीने भरण-पोषण दिया जाए।

फैमिली कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया

हाई कोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया की एकल पीठ ने पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैमिली कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। शर्मा की पत्नी के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि फैमिली कोर्ट को मासिक भरण-पोषण के आधार पर ही फैसला सुनाना चाहिए था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत फैमिली कोर्ट के एकमुश्त भरण-पोषण के फैसले पर पुनर्विचार किया जा सकता है।

फैमिली कोर्ट के फैसले पर लगाई रोक

जस्टिस अहलूवालिया ने शर्मा की दलीलें सुनने के बाद फैमिली कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। मामला वापस फैमिली कोर्ट को भेज दिया है। साथ ही, फैमिली कोर्ट को निर्देश दिया है कि 15 दिनों के अंदर इस मामले में नया फैसला सुनाया जाए।

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