वन महकमा छीनने से मंत्री नागर सिंह चौहान नाराज, मंत्री पद छोड़ने का तैयार तो पत्नी भी सांसदी से देंगी इस्तीफा

भोपाल। मध्‍य प्रदेश में कैबिनेट मंत्री नागर सिंह चौहान वन महकमा छीने जाने से नाराज हो गए हैं। उन्होंने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। वो मंत्री पद से इस्तीफा देने की धमकी दे रहे हैं। यह भी कहा है कि उनकी बात को सुना नहीं गया तो झाबुआ-रतलाम संसदीय सीट से सांसद अनिता नागर सिंह चौहान भी अपने पद से इस्तीफा दे देंगी। बता दें, नागर सिंह चौहान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार में वन मंत्री थे, अब यह मंत्रालय उनसे छीनकर रामनिवास रावत को दे दिया गया है।

मोहन यादव सरकार में मंत्री बनने के बाद नागर सिंह चौहान के पास तीन विभाग थे। रविवार को रामनिवास रावत को वन एवं पर्यावरण विभाग दे दिए। इससे नागर सिंह चौहान नाराज हो गए। उनके पास इस समय सिर्फ अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ही बचा है। कैबिनेट में इसे उनका कद घटने के रूप में देखा जा रहा है। नागर सिंह चौहान की पत्नी अनिता नागर सिंह चौहान झाबुआ-रतलाम सीट से लोकसभा सदस्य हैं। सोमवार से ही संसद में बजट सत्र शुरू हुआ है, जिसमें सभी सांसदों को भाग लेना था। अनिता नागर सिंह चौहान भी दिल्ली जाने वाली थी। हालांकि,रविवार के घटनाक्रम के बाद वह दिल्ली नहीं गई और उन्हें रोक लिया गया।

नागर सिंह चौहान का कहना है कि यदि उनका कोई विभाग छीना जाना था तो उन्हें बताया भी जा सकता था। उनका विभाग छीनकर कांग्रेस से आए हुए नेता को देना गलत है। यह फैसला क्‍यों हुआ और उनसे वन एवं पर्यावरण विभाग छीन लिया गया। वह पार्टी फोरम पर अपनी बात रखेंगे। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के सामने वह अपनी बात रख चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो उनकी पत्नी अनिता नागर सिंह चौहान भी सांसदी छोड़ देंगी।

चौहान ने कहा कि अलीराजपुर को कांग्रेस का अभेद्य गढ़ माना जाता था। वहां हम कांग्रेस से लगातार लड़ रहे हैं। लगातार चुनाव जीतने के बाद मध्य प्रदेश सरकार में अलीराजपुर जिले को पहली बार मंत्री बनने का अवसर मिला था। सात महीने बाद बिना पूछे, बिना चर्चा किए मेरे दो विभाग को कांग्रेस से आए हुए मंत्री रामनिवास रावत को दिए हैं। इससे मैं बहुत दुखी हूं। हम भाजपा के मूल कार्यकर्ता हैं। पूरे मध्य प्रदेश में बरसों बरस से कार्यकर्ता भारतीय जनसंघ के जमाने से संघर्ष करते आए हैं। मेरे जैसे कार्यकर्ता से विभाग छीनकर कांग्रेस से आए हुए नेता को सौंप देने से मैं दुखी हूं। मुझे लगता है कि इस पद पर नहीं रहना चाहिए।