पाकिस्तान में बिजली बिल और टैक्स में वृद्धि के विरोध में सड़क पर उतरी जमात-ए-इस्लामी, धरने पर बैठे
इस्लामाबाद । पाकिस्तान सरकार द्वारा बिजली बिल और वेतनभोगी वर्ग के करों में की गई बढ़ोतरी का विरोध तेज हो गया है। पाकिस्तान के राजनीतिक संगठन जमात-ए-इस्लामी ने शनिवार को लगातार दूसरे दिन रावलपिंडी और इस्लामाबाद में धरना दिया। जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए बिजली बिल को कम करने की मांग की।
पहले जमात ए इस्लामी ने इस्लामाबाद के डी चौक से रैली निकालकर प्रदर्शन करने का एलान किया था, लेकिन पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोक दिया। इसके बाद पार्टी ने योजना बदलते हुए रावलपिंडी के मुर्री रोड, चुंगी नंबर 22 और इस्लामाबाद के एच-8 ब्रिज पर धरना दिया। जमात ए इस्लामी के प्रमुख हाफिज नईम ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मांगें पूरी न होने तक धरने पर बैठे रहने का एलान किया।
उन्होंने कहा कि हमारी मांगें सरल हैं। हम चाहते हैं कि सरकार जनता को राहत दे। उन्होंने कहा कि पार्टी देश की कठिनाइयों से अवगत है लेकिन बिजली दरों के मु्द्दे का समाधान किया जा सकता है। सरकार निजी बिजली वितरकों से बातचीत करके दरों को कम कर सकती है। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगीं। तब तक विरोध जारी रहेगा।
नईम ने कहा कि यदि सरकार हमारी मांगों पर गौर करती है तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं। हम चाहते हैं सरकार इस मामले में बातचीत के लिए समिति बनाए। उन्होंने रविवार शाम को मुरी रोड पर बड़े धरने को संबोधित करने का एलान किया। उन्होंने लोगों से धरने में शामिल होकर अपने अधिकारों के प्रति लड़ने की अपील की।
जमात ए इस्लामी पाकिस्तान की सबसे पुरानी पार्टियों में से एक है और बड़े विरोध प्रदर्शन के लिए जानी जाती है। इसके प्रदर्शनकारी हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हैं। लेकिन नईम ने आरोप लगाया कि उनके कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने मांग की कि कार्यकर्ताओं को जल्द से जल्द रिहा किया जाए।
पूर्व प्रधानमंत्री की पार्टी ने भी किया प्रदर्शन
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) के समर्थकों ने भी देशभर में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने बिजली दरों को कम करने और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल से छोड़ने की मांग की। पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया। हालांकि पीटीआई सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के चलते इस्लामाबाद में प्रदर्शन नहीं कर सकी। वहीं लाहौर में पंजाब प्रांत की एजेंसियों ने दोनों पार्टियों के 150 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।