300 लोगों की मौत के बाद वायनाड को अब मिलेगा ग्रीन प्रोटेक्शन
नई दिल्ली. वायनाड में आए लैंडस्लाइड ने तबाही मचा दी. इसमें 300 लोगों से ज्यादा की मौत हो गई है और 100 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर सामने है. इतन कुछ हो जाने के बाद अब यूनियन एनवायरमेंट मिनिस्टर ने पश्चिम घाट को इकोलॉजिकली सेंसिटिव एरिया (ईएसए) घोषित करने के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है, इसमें वायनाड के भी गांव शामिल हैं.
यूनियन एनवायरनमेंट मिनिस्टर के ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में वायनाड के वो गांव शामिल हैं जहां पर लैंडस्लाइड की वजह से कई लोगों की जान चली गई है. यह लैंडस्लाइड 30 जुलाई की सुबह हुई थी. सरकार का ये ईएसए क्लासिफिकेशन प्रपोजल छह राज्यों और पश्चिमी घाट के 59,940 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र या लगभग 37% क्षेत्र को कवर करता है. सरकार का आया अभी का ड्राफ्ट जुलाई 2022 में जारी किए गए ड्राफ्ट की तरह है.
यह कदम 2011 में प्रख्यात इकोलॉजिस्ट माधव गाडगिल के नेतृत्व वाले पैनल द्वारा पहली बार इस तरह के सीमा निर्धारण करने की सिफारिश किए जाने के 13 साल बाद उठाया गया है, उस समय 75% क्षेत्र को संरक्षित करने की सिफारिश की गई थी, जो कि अब घटकर 37% हो गई है. यूनियन एनवायरनमेंट मिनिस्टर ने बताया कि इस ड्राफ्ट को रिइश्यू किया गया क्योंकि पिछला वाला ड्राफ्ट एक्सपायर हो गया था. MoEFCC की गठित हाई लेवल कमेटी ने अभी तक अपनी रिपोर्ट पूरी नहीं की है, उन्होंने केरल सहित राज्यों से मिले जवाबों के आधार पर हमें अभी तक अंतिम सुझाव नहीं दिए हैं. एक्सपर्ट ने बताया कि हाल ही में वायनाड जिले में हुए लैंडस्लाइड की वजह से इस नए ड्राफ्ट को तैयार किया गया है.
इस ड्राफ्ट में वायनाड में विथिरी के कुछ हिस्सा भी ईएसए के लिए शामिल किया गया है, विथिर लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. अगर इस मामले को अंतिम रूप दिया जाएगा और ईएसए घोषित किया जाता है तो क्षेत्रों में माइनिंग, उत्खनन, सैंड माइनिंग, थर्मल पावर प्लांट और पॉल्युटिंग इंडस्ट्री पर पूरी तरह से बैन लगाया जाएगा. इसके अलावा तय किए गए सीमा के ऊपर के नए कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट और टाउनशिप डेवलपमेंट पर भी रोक लगाई जाएगी. इस ड्राफ्ट को छठी बार रिन्यू किया गया है, जिसमें कहा गया है कि 20,000 वर्ग मीटर और उससे ज्यादा के सभी नई भवन विस्तार प्रोजेक्ट और निर्मित क्षेत्र के कंस्ट्रक्शन और विस्तार प्रोजेक्ट्स और 50 हेक्टेयर और उससे ज्यादा क्षेत्र या 150,000 वर्ग मीटर और उससे ज्यादा के निर्मित क्षेत्र के साथ सभी नई और विस्तारित टाउनशिप और एरिया डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर रोक लगाई जाएगी.