क्रेडिट कार्ड का बकाया सबसे ज्यादा और गृह ऋण की मांग भी कम, पर्सनल लोन 14% बढ़कर 55 लाख करोड़ पहुंचा

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार गैर खाद्य कर्जों में पर्सनल लोन की हिस्सेदारी सबसे अधिक 32.9 फीसदी है। इसके बाद सेवाओं की 27.4 फीसदी, उद्योग की 22.2 फीसदी और कृषि एवं इससे संबंधित गतिविधियों की हिस्सेदारी 12.8 फीसदी है। बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ओर से आसानी से मिल रहे पर्सनल लोन में भारी तेजी आई है। सालाना आधार पर यह जुलाई के अंत तक 14.4 फीसदी बढ़कर 55.3 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई के अंत तक क्रेडिट कार्ड का बकाया सबसे तेजी से बढ़ा है। हालांकि, बैंकों की कुल उधारी में ये एक फीसदी ही है। यह सालाना आधार पर 22 फीसदी तेजी के साथ 2.8 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। इसी तरह सोने की जूलरी के एवज में लिया जाने वाला कर्ज 39 फीसदी भारी-भरकम तेजी के साथ बढ़ा है। हालांकि, कुल पर्सनल लोन में इसकी हिस्सेदारी केवल 0.8 फीसदी ही है। इससे पता चलता है कि लोग घंटों में मिल रहे कर्ज का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। दरअसल सोने के एवज में कर्ज तुरंत मिल जाता है और इसका ब्याज पर्सनल लोन के ही आस-पास होता है।

रिपोर्ट के मुताबिक कमजोर वृद्धि के बावजूद कृषि और इससे संबंधित गतिविधियों को दिए जाने वाले कर्ज में 18.1 फीसदी की तेजी आई है। कुल कर्ज 21.6 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। उद्योग को दिए जाने वाले कर्ज में 13.7 फीसदी की बढ़त आई है। आंकड़े बताते हैं कि होम लोन की मांग सबसे कम है। इसकी रफ्तार इस दौरान केवल 12.8 फीसदी की दर से बढ़ी है। कुल होम लोन का आकार अब 28 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। तमाम आंकड़े बताते हैं कि हाल के समय में शीर्ष 8 शहरों में मकानों की कीमतों में बेतहाशा बढ़त हुई है। हालांकि बिक्री भी अच्छी खासी हुई है। बावजूद इसके होम लोन की मांग की दर कम ही रही है।