चुनाव नतीजों के बाद उनका डर खत्‍म…, अमेरिका में राहुल गांधी RSS और मोदी पर क्‍या बोले?

वाशिंगटन । लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से लोगों के बीच बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डर खत्म हो गया है। टेक्सास के डलास में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव के बाद संसद में अपने पहले भाषण में उन्होंने अभयमुद्रा का जिक्र किया जो सभी भारतीय धर्मों में निडरता का प्रतीक है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। गौरतलब है कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता के तौर पर पहली बार दो दिवसीय दौरे पर अमेरिका पहुंचे हैं।

देश में कोई भी बीजेपी या भारत के प्रधानमंत्री से नहीं डरा

राहुल गांधी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, “बीजेपी का डर खत्म हो गया। हमने देखा कि चुनाव के नतीजों के कुछ ही मिनटों के बाद से ही देश में कोई भी बीजेपी या भारत के प्रधानमंत्री से नहीं डर रहा था इसलिए ये बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह सिर्फ राहुल गांधी या कांग्रेस पार्टी की उपलब्धि नहीं है। ये भारत के लोगों की बहुत बड़ी बात है जो लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं।”

राहुल गांधी ने आरएसएस के बारे में क्या कहा?

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी के मूल संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मानना ​​है कि भारत एक विचार पर आधारित है। वहीं उनकी पार्टी कांग्रेस का मानना ​​है कि भारत विचारों की बहुलता वाला देश है। राहुल ने कहा, “आरएसएस का मानना ​​है कि भारत एक विचार है और हमारा मानना ​​है कि भारत विचारों की बहुलता है। हमारा मानना ​​है कि यहां सभी को हिस्सा लेने की इजाजत दी जानी चाहिए, सपने देखने की इजाजत दी जानी चाहिए और उनकी जाति, भाषा, धर्म, परंपरा या इतिहास की परवाह किए बिना उन्हें जगह दी जानी चाहिए। यह लड़ाई है और यह चुनाव में स्पष्ट हो गया जब देश के लाखों लोगों ने स्पष्ट रूप से समझा कि भारत के प्रधानमंत्री भारत के संविधान पर हमला कर रहे हैं।”

चुनाव में लोगों ने मेरे संदेश को समझा- राहुल

राहुल गांधी ने कहा कि वह जो भी कह रहे हैं वह संविधान में निहित हैं जिसे उन्होंने आधुनिक भारत की नींव बताया। राहुल ने कहा, “मैंने देखा कि जब मैं संविधान का मुद्दा उठाता था तो लोग समझ जाते थे कि मैं क्या कह रहा हूं। वे कह रहे थे कि बीजेपी हमारी परंपरा पर हमला कर रही है, हमारी भाषा पर हमला कर रही है, हमारे राज्यों पर हमला कर रही है, हमारे इतिहास पर हमला कर रही है। सबसे जरूरी बात यह है कि वे यह समझ गए थे कि जो कोई भी भारत के संविधान पर हमला कर रहा है वह हमारी धार्मिक आजादी पर भी हमला कर रहा है।” उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान जब उन्होंने संविधान पर जोर दिया तो लोगों ने उनके संदेश को समझा।